अमृतसर में प्रकाश पर्व की धूम, अकाल तख्त से निकला भव्य नगर कीर्तन; हजारों संगत ने किया गुरु नानक देव जी को नमन
अमृतसर में श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने श्री अकाल तख्त साहिब से एक विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया। ज्ञानी रघुबीर सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप को पालकी में विराजमान किया। कीर्तन में स्कूली बच्चों और गतका पार्टियों समेत भारी संख्या में संगत ने भाग लिया। एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने गुरु साहिब के उपदेशों का पालन करने का संदेश दिया।

अमृतसर में श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया (फोटो: जागरण)
जागरण संवाददाता, अमृतसर। पहले पातशाह श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश गुरुपर्व के उपलक्ष्य में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से धार्मिक संस्थाओं और संगतों के सहयोग से श्री अकाल तख्त साहिब से एक विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया गया।
अरदास के उपरांत श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप को सच्चखंड श्री हरिमंदिर साहिब के मुख ग्रंथी ज्ञानी रघुबीर सिंह ने सुनहरी पालकी साहिब में विराजमान किया।
पांच प्यारे नगर कीर्तन की अगुवाई कर रहे थे। कीर्तन के दौरान भारी संख्या में संगतों ने भाग लिया। स्कूली बच्चों, बैंड पार्टियों, शब्द जत्थों और गतका पार्टियों ने पूरे उत्साह के साथ नगर कीर्तन में भाग लिया। रास्ते भर संगतों की ओर से जल-पानी और लंगर सेवा की व्यवस्था की गई।
नगर कीर्तन के दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के मुख ग्रंथी ज्ञानी गुरमुख सिंह, एसजीपीसी सदस्य भाई राजिंदर सिंह महिता, सचिव सतनाम सिंह काहलवां, निजी सचिव शाहबाज़ सिंह, श्री दरबार साहिब के प्रबंधक भगवंत सिंह धंगेड़ा, इकबाल सिंह मुखी, गुरप्रीत सिंह, बिक्रमजीत सिंह झंगी, गुर्तिंदरपाल सिंह कादियां, जसबीर सिंह और रविंदर सिंह सहित भारी संख्या में संगत मौजूद थी।
एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने पहले पातशाह श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश गुरुपर्व के अवसर पर सिख जगत को बधाई देते हुए कहा कि गुरु साहिब के उपदेश मानवता के कल्याण के लिए हैं।
उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने मानवता को समानता, भाईचारे और साझा जीवन का संदेश दिया। उन्होंने जात-पात की दीवारें तोड़कर दबे-कुचले वर्गों को नई आशा दी। “नाम जपो, किरत करो और वंड छको” के संदेश से गुरु साहिब ने दुनिया के धार्मिक इतिहास में एक अनोखा मार्ग स्थापित किया।
एडवोकेट धामी ने संगत से अपील की कि वे गुरु साहिब द्वारा प्रदत्त गुरबाणी उपदेशों के अनुसार जीवन व्यतीत करें और उनके संदेश को पूरी दुनिया में फैलाने का प्रयास करें।

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