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    गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती पर SGPC का एक जत्था पाकिस्तान रवाना, पवित्र गुरुद्वारों में मत्था टेकेंगे श्रद्धालु

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 03:49 PM (IST)

    गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती पर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) का एक जत्था पाकिस्तान रवाना हुआ। यह जत्था ऐतिहासिक गुरुद्वारों में मत्था टेकने और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेगा। पुलवामा हमले के बाद यह पहला जत्था है जो पाकिस्तान के गुरुद्वारों के दर्शन करेगा। जत्थे में विभिन्न राज्यों के श्रद्धालु शामिल हैं, जो 13 नवंबर को भारत लौटेंगे।

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    गुरु नानक देव जी की जयंती पर पाकिस्तान रवाना हुआ एसजीपीसी का जत्था (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, अमृतसर। श्री गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती के पावन अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से एक जत्था सोमवार को पाकिस्तान रवाना हुआ। यह जत्था वहां स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारों में जाकर मत्था टेकने और विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होगा।

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    यह पहला जत्था है जो पुलवामा आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंधू के बाद पाकिस्तान के गुरुद्वारों के दर्शन के लिए गया है। जत्थे में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और अन्य राज्यों से आए श्रद्धालु शामिल हैं। सभी श्रद्धालुओं ने अमृतसर से रवाना होने से पहले श्री हरमंदिर साहिब में अरदास की

    जत्था पाकिस्तान में लगभग 10 दिन रहेगा और इस दौरान श्रद्धालु गुरुद्वारा जन्मस्थान ननकाना साहिब, गुरुद्वारा पंजा साहिब (हसन अबदाल), गुरुद्वारा डेरा साहिब (लाहौर) और गुरुद्वारा करतारपुर साहिब सहित कई अन्य ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन करेंगे। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और स्थानीय प्रशासन ने जत्थे के स्वागत और सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए हैं।

    एसजीपीसी अध्यक्ष ने जत्थे को रवाना करते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी का संदेश मानवता, समानता और प्रेम का प्रतीक है। उनका उपदेश आज भी विश्वभर में लोगों को एकता और भाईचारे की प्रेरणा देता है।

    उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मौजूद ऐतिहासिक गुरुद्वारे सिख इतिहास और विरासत के अमूल्य धरोहर हैं, और इन स्थलों के दर्शन हर सिख के लिए भावनात्मक महत्व रखते हैं।

    एसजीपीसी की ओर से जत्थे के सदस्यों को यात्रा से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज और दिशा-निर्देश प्रदान किए गए हैं। जत्था आगामी 13 नवंबर को भारत लौट आएगा।