पंजाब में सब्जी वाले की रातोंरात बदली किस्मत, 500 रुपये उधार लेकर खरीदा लॉटरी का टिकट और जीते 11 करोड़
राजस्थान के कोटपुतली के सब्जी विक्रेता अमित की किस्मत पंजाब में पलटी। दोस्त से 1000 रुपये उधार लेकर 'पंजाब स्टेट दिवाली बंपर-2025' का टिकट खरीदा और 11 करोड़ जीते। इनाम लेने के लिए भी पैसे नहीं थे, उधार लेकर चंडीगढ़ पहुंचे। अमित ने कहा कि वह बच्चों को पढ़ाएगा और दोस्त की बेटियों का कन्यादान करेगा। वह संयुक्त परिवार की जिम्मेदारी उठा रहा है।

11 करोड़ की लॉटरी जीतने वाला अमित अपने दोस्त व परिवार के साथ lसौ. स्वत:
जागरण संवाददाता, बठिंडा। किस्मत कब किस पर मेहरबान हो जाए, कोई नहीं जानता। राजस्थान के कोटपुतली इलाके के सब्जी विक्रेता अमित के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। वह रोज की तरह सब्जी की रेहड़ी लगाकर अपनी गुजर-बसर करता था, लेकिन एक दोस्त के साथ पंजाब घूमने आया तो जिंदगी का रुख ही बदल गया। उसी दोस्त से उसने एक हजार रुपये उधार लिए और पंजाब स्टेट दिवाली बंपर-2025 की लॉटरी का दो टिकट खरीद लिया।
किस्मत ने पलटी मारी और इसी टिकट पर 11 करोड़ रुपये की दीवाली बंपर की लॉटरी निकल आई। अब जब इनाम लेने का समय आया तो जेब में किराये तक के पैसे नहीं थे। अमित ने बताया कि चंडीगढ़ पहुंचने के लिए सात-आठ लोग साथ निकले।
रास्ते का खर्च करीब 15 हजार रुपये आया, जो कई लोगों से उधार लेकर जुटाया गया। किसी ने 500 रुपये दिए तो किसी ने 300। हाथ जोड़कर उसने लोगों से कहा कि इनाम मिलने पर सबका पैसा लौटा देगा।
चंडीगढ़ स्थित पंजाब स्टेट लॉटरी दफ्तर पहुंचकर पुरस्कार की औपचारिकता पूरी करने के बाद अमित ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि किस्मत यूं पलट जाएगी। मैं तो बस घूमने आया था, लेकिन अब मेरी पूरी जिंदगी बदल गई।’ भावुक होते हुए उसने कहा, अब मैं अपने बच्चों को खूब पढ़ाऊंगा, ताकि उन्हें उन्हें मुश्किलें न झेलनी पड़ें जो मैंने झेली हैं।
उसने कहा कि वह अपने इनाम में से एक करोड़ रुपये मुकेश को देगा और उसकी दोनों बेटियों का कन्यादान करेगा।
संयुक्त परिवार की जिम्मेदारी उठा रहा है अमित अमित के चार भाई थे, जिनमें से तीन का निधन हो चुका है और मां का भी स्वर्गवास हो चुका है। वह अपनी दो भाभी, उनके बच्चे, अपनी पत्नी और दो बच्चों की जिम्मेदारी उठा रहा था।
वह पंजाब घूमना चाहते था, उसने सुना था यहां हर समय गुरुद्वारे खुले रहते हैं। उसके दोस्त मुकेश के ताऊजी मोगा में रहते थे, इसलिए उनके पास आया था। रास्ते में वे बठिंडा में रुके और वहीं टिकट खरीदा था। इस टिकट से ही आज उसकी किस्मत बदल गई।

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