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    पीयू में पहली बार एबीवीपी को प्रधानी, गौरव ने लहराया परचम, सत्थ के अश्मीत बने उपाध्यक्ष

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Wed, 03 Sep 2025 09:32 PM (IST)

    चंडीगढ़ में छात्र संघ चुनाव के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने पंजाब यूनिवर्सिटी में जश्न मनाया। उनके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार गौरव वीर सोहल ने जीत का परचम लहराया। अध्यक्ष पद के लिए आठ उम्मीदवार मैदान में थे। वहीं सत्थ यूनियन के अश्मित सिंह को उपाध्यक्ष के पद पर जीत हासिल हुई है।

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    पंजाब यूनिवर्सिटी में जश्न मनाते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के गौरव वीर साेहल।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़।  पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनाव के इतिहास में पहली बार एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) ने अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है। 33 चुनाव के अनुभव के बाद 34 वें चुनाव में एबीवीपी अपना अध्यक्ष बनाने में कामयाब रही। ला विभाग के पीएचडी रिसर्च स्कालर गौरव वीर सोहल 3148 वोट लेकर पीयू के नए सिकंदर बने। गौरव पंजाब के लुधियाना जिले के गिल गांव के रहने वाले हैं।

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    गौरव ने अपने प्रतिद्वंदी स्टूडेंट फ्रंट के सुमित शर्मा को 488 वोटों से हराया। सुमित को कुल 2660 वोट मिले। इसके साथ 1184 वोट हासिल कर एएसएपी (सोसिएशन आफ स्टूडेंट्स फार आल्टरनेटिव पालिटिक्स ) के मनकीरत सिंह मान तीसरे स्थान पर रहे। इस बार चुनावी दंगल में गठबंधनों की बहार देखने को मिली। चुनावी रण में छह गठबंधन एक- दूसरे को टक्कर देने के लिए उतरे थे।

    पहले इस बार का चुनाव दंगल गठबंधन का माना जा रहा था, लेकिन बुधवार को आए नतीजों ने साफ कर दिया यह चुनाव गठबंधन का नहीं, चेहरों का है। मतगणना के शुरुआती दौर से ही अध्यक्ष पद के लिए गौरव वीर सोहल और सुमित में टक्कर देखने को मिली, लेकिन गौरव शुरू से लेकर अंत तक सुमित से आगे रहे। इसके साथ उपाध्यक्ष पद पर विजेता रहे अश्मीत सिंह को कुल 3478 वोट मिले। सत्थ के अश्मीत का मुकाबला एबीवीपी से अलग होकर बनी एबीवीपी फ्रंट के नवीन के साथ रहा। नवीन को 2828 वोट मिले।

    वहीं सचिव पद पर विजेता प्रत्याशी अभिषेक डागर सोपू (जश्न जवांदा ग्रुप) को 3438 वोट मिले। उनका मुकाबला इंडियन इनसो (नेशनल स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन ) के विशेष आनंद ढाका से रहा, जिनको 2716 वोट मिले।  संयुक्त सचिव पद के लिए निर्दलीय मोहित मंदेरना ने 3138 वोटों के साथ बाजी मारी। मोहित ने हिम्सू के आर्यन वर्मा को 318 वोट से हराया। आर्यन को 2820 वोट मिले।

    मोहित सिकंदर बूरा के प्रत्याशी थे। बूरा ने बीते वर्ष के चुनाव में एनएसयूआई से बागी होने के बाद अनुराग दलाल को पीयू के इतिहास में पहली बार निर्दलीय अध्यक्ष बनाया था। इस बार एनएसयूआई को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में ही नहीं शहर के एफिलिटेड कालेजों में मतदान में युवाओं ने पूरा जोश दिखाया। पीयू कैंपस में जहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) ने जीत हासिल कर नया इतिहास रचा तो कालेजों में दूसरी पार्टियों को दबदबा रहे। 

    अध्यक्ष पद के लिए आठ उम्मीदवार थे मैदान में, 188 वोट नोटा को गए

    पीयू में अध्यक्ष पद के लिए आठ उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें से सोहल को 3148, सुमित कुमार को 2660, परबजोत गिल को 1359, मनकीरत मान को 1184, सीरत को 422, अरदास को 318, जोबनप्रीत सिंह को 198 और नवनीत कौर को 136 हासिल हुए। 188 वोट नोटा को गए।

    डीएवी कालेज में हरमेहक सिंह चीमा को मिली सरदारी

    डीएवी कॉलेज, सेक्टर-10 में प्रेसिडेंट पद पर सोई, हिमसु और इनसो के सयुक्त उम्मीदवार हरमेहक सिंह चीमा ने 1333 वोट लेकर जीत हासिल की, जबकि उनके प्रतिद्वंदी खुशविंदर को 1233 वोट मिले। वाइस प्रेसिडेंट पद पर आर्यन राणा ने 1168 वोटों से जीत हासिल की, जबकि उनके प्रतिद्वंदी अर्जुन सैनी को 857 वोट ही मिले। जनरल सेक्रेटरी पद पर बीकाम तृतीय वर्ष के छात्र अनमोल रंधावा ने 1225 वोट पाकर जीत दर्ज की। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीए दूसरे वर्ष के अरूष कल्टा को 1003 वोट मिले।

    जाइंट सेक्रेटरी पद पर बीसीए तीसरे वर्ष के गुरशान सिंह चड्ढा ने 1416 वोट पाकर जीत दर्ज की। उनके सामने एमए प्रथम वर्ष के मनीष कुमार ने 1129 वोट हासिल किए। कालेज में सीआर/डीआर पदों पर कई छात्र निर्विरोध चुने गए। इनमें बीएससी प्रथम वर्ष के आर्यांश चौधरी, एडीएमएलटी प्रथम वर्ष की अंचल भारती, बीकाम तृतीय वर्ष की गुनीका गुप्ता, बीसीए द्वितीय वर्ष के क्रिश, बीए द्वितीय वर्ष के शशवत ठाकुर और एमएससी प्रथम वर्ष के शिवम शामिल हैं।

    पीजीसीजी- 11 में महकदीप बनी अध्यक्ष

    सेक्टर-11 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट कालेज फार गर्ल्स में बीए तीसरे वर्ष की महकदीप अध्यक्ष पद पर विजयी रही हैं। वहीं उपाध्यक्ष पद पर राधिका शर्मा और महासचिव पद पर मलीहा शर्मा ने जीत दर्ज की। सयुक्त सचिव पद पर सिमरन ने जीत हासिल की है।

    पीजीजीसी-11 में सचिन के सिर ताज

    सेक्टर 11 के ही पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज(जीसी-11) में हिंदुस्तान स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सचिन सिंह ने 668 वोट पाकर जीत दर्ज की, जबकी हरभजन लाल 968 वोट पाकर उपाध्यक्ष चुने गए। सचिव पद पर 980 वोट हासिल करके प्रियांश ठाकुर ने जीत हासिल की। संयुक्त सचिव पद पर रोहन ने 775 मत हासिल करते हुए विजय रहे है।

    गुरु गोबिंद सिंह महिला कालेज में अध्यक्ष बनीं भूमि

    गुरु गोबिंद सिंह महिला कालेज, सेक्टर 26 में बीकाम तीसरे वर्ष की भूमि अध्यक्ष चुनी गई हैं। उपाध्यक्ष अकोईजाम जेसिता बीए तीसरे वर्ष, सचिव दिव्या जे. मांगैन बीसीए दूसरे वर्ष और संयुक्त सचिव वंशिका बीएससी प्रथम वर्ष से चुनी गई हैं। निर्वाचित प्रतिनिधियों ने अपनी जीत का जश्न मनाया। प्रिंसिपल डा. जतिंदर कौर ने नवनिर्वाचित परिषद सदस्यों को हार्दिक बधाई दी।

    सरबजीत सिंह एसजीजीसी के सरजात

    सेक्टर 26 स्थित श्री गुरू गोबिंद सिह कालेज में केसीएसयू की ओर से अध्यक्ष पद पर सरबजीत सिंह ने 879 , उपाध्यक्ष पद पर रोहित ने 905,महासचिव पद पर ज़ाहिद अहमद दार ने 868 और सयुक् त सचिव पद पर तनिशप्रीत सिंह ने 849 मत लेकर जीत हासिल की है। अध्यक्ष पद पर सीएसएफ,सोई और इंसो की ओर से लवप्रीत 729 ,उपाध्यक्ष पद पर अजय 689,महासचिव पद पर राहुल चंदेल 716 और सचिव पद पर रशप्रीत सिंह 718 मत ही हासिल कर सके।

    एसडी कालेज 32 में रिजवाल बने काउंसिल प्रधान

    एसडी कालेज 32 में इंडियन स्टूडेंट्स फेडरेशन (आईएसएफ) ने चुनाव में बाजी मारी और सभी प्रमुख पद अपने नाम किए। आईएसएफ के रिजवाल ने 1604 वोट लेकर जीत हासिल की। जबकि वाइस प्रेसिडेंट पद पर युवराज सिंह, सेक्रेट्री पद पर अंशुल ठाकुर और ज्वाइंट सेक्रेटरी पोस्ट पर एनएसयूआई की न्यासी ठाकुर ने जीत हासिल की है।

    एमसीएम डीएवी कालेज-36 में अपराजिता जीतीं

    मेहरचंद महाजन डीएवी कालेज सेक्टर 6 के चुनाव में बीए दूसरे वर्ष की छात्रा अपराजिता बाली प्रधान पद पर जीत गई हैं। बीए तीसरे वर्ष की छात्रा आरुषि बक्शी उपप्रधान चुनी गई। सेक्रेटरी पद पर बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा ओजस्विता कौर चुनी गईं।

    पीजीजीसीजी-42 से श्रीयाल चौहान जीती

    सेक्टर 42 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज फार गर्ल्स मे श्रीयाल चौहान ने प्रधान पद पर जीत हासिल की है। इन्हें 413 वोट मिले। उपप्रधान पद पर जानकी राणी विजेता रही। इन्हें 290 वोट मिले। सचिव पद पर सिमरनजीत कौर ने 340 मत हासिल करते हुए विजय रही है। सचिव पद पर सुपिंदर कौर निविरोध चुनी गई है।

    देव समाज कॉलेज फार वुमेन सेक्टर 45 में खुशी बनी अध्यक्ष

    देव समाज कॉलेज फार वुमेन सेक्टर 45 में चुनाव परिणाम अध्यक्ष पद के लिए चार उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर के बाद में खुशी ने जीत हासिल की है। उपाध्यक्ष पद के लिए पांच प्रत्याशियों के बीच हुए चुनाव में अंतिका विजयी रहीं। सचिव पद के लिए चार उम्मीदवारों के बीच हुई प्रतिस्पर्धा में हरलीन कौर ने जीत हासिल की। संयुक्त सचिव पद के लिए सर्वाधिक आठ उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे, जिसमें परनीत कौर को सफलता मिली।

    पंकज बने पीजीजीसी 46 के अध्यक्ष

    पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज, सेक्टर 46 में आयोजित छात्र परिषद चुनाव मे छात्र पंकज को अध्यक्ष चुना गया,रविंदर सिंह ने उपाध्यक्ष का पद हासिल किया, जबकि स्नेहा सचिव निर्वाचित हुईं। अंजलि को संयुक्त सचिव चुना गया।

    पीयू में एनएसयूआई की करारी हार पर टिकट बंटवारे पर उठे सवाल

    पीयू में एनएसयूआई को भारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। पार्टी की परंपरागत पकड़ इस बार पूरी तरह ढीली पड़ गई। इसका कारण संगठनात्मक गड़बड़ियां, टिकट वितरण में मनमानी और प्रभारी की निष्क्रियता को बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि मेहनत करने वाले छात्रों को टिकट से वंचित रखा गया, जबकि कुछ छात्रों को पार्टी में शामिल होने के कुछ ही घंटे बाद टिकट थमा दिया गया।

    बताया गया कि सुबह 11 बजे पार्टी में शामिल छात्र को उसी दिन शाम चार बजे टिकट मिल गया। इससे कार्यकर्ताओं में गहरा असंतोष पनपा। एनएसयूआई चंडीगढ़ प्रभारी दलीप चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने टिकट बंटवारे में मनमानी की और वरिष्ठ नेताओं तक गलत संदेश पहुंचाया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि यही रवैया चुनाव में पार्टी की हार का बड़ा कारण बना।

    चुनाव प्रचार में भी एनएसयूआई पिछड़ गई। जहां दूसरी पार्टी के नेता हॉस्टलों में घूम-घूमकर छात्रों से सीधे संपर्क कर रहे थे, वहीं एनएसयूआई के नेता फाइव स्टार होटलों में बैठकर रणनीति बनाते रहे। इससे छात्रों का भरोसा टूट गया और विरोधी संगठनों को बढ़त मिल गई।

    हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और चंडीगढ़ के कई नेताओं ने टिकट वितरण और चुनावी रणनीति की विफलता को लेकर दिल्ली आलाकमान तक शिकायत भेजी है। उनका कहना है कि यदि संगठन में तुरंत सुधार नहीं किए गए तो भविष्य में पार्टी की परंपरागत पकड़ और भी कमजोर हो सकती है।

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