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    हरमीत पठानमाजरा की गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने विधायकों को दी सख्त चेतावनी

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 05:40 PM (IST)

    चंडीगढ़ में सन्नौर से आम आदमी पार्टी के विधायक हरमीत सिंह पठाणमाजरा की बगावत ने पार्टी लीडरशिप में खलबली मचा दी है। पार्टी ने उनके खिलाफ पुराने केस में कार्रवाई की है जिससे विधायकों में संदेश गया है कि विरोध करने पर कार्रवाई होगी। पहले भी कई विधायकों ने पार्टी के खिलाफ आवाज उठाई है जैसे कुंवर विजय प्रताप सिंह और शीतल अंगुराल।

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    हरमीत पठाणमाजरा की गिरफ्तारी के बाद पार्टी की सख्त चेतावनी। फाइल फोटो

    इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। सन्नौर से आम आदमी पार्टी के विधायक हरमीत सिंह पठाणमाजरा की बगावत से पार्टी की लीडरशिप में भी घबराहट फैल गई है। दरअसल आम आदमी पार्टी में जिस प्रकार से पठाणमाजरा ने बगावत की है।

    उस तरह की और न करें इसको लेकर सत्तारूढ़ पार्टी ने उनके खिलाफ तीन साल पहले दर्ज एक पुराने केस में गिरफ्तार करने के लिए उन पर छापामारी की। इससे सभी विधायकों में एक संदेश जरूर चला गया है कि जो विधायक पार्टी लीडरशिप के खिलाफ सवाल खड़ा करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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    लेकिन पार्टी की नीतियों के खिलाफ सवाल खड़ा करने वाले हरमीत सिंह पठाणमाजरा पहले विधायक नहीं हैं। इस फेहरिस्त में और भी कई रह चुके हैं जिनमें से एक को पार्टी निलंबित कर चुकी है । हालांकि जालंधर सेंट्रल के विधायक रमन अरोड़ा के खिलाफ भी केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार करके अन्य विधायकों को मैसेज देने की कोशिश की गई लेकिन यह बगावत थमी नहीं।

    इसमें पठाणमाजरा का नाम अलग से जुड़ गया है। हालांकि अब तक जिन विधायकों ने बगावत की है उसमें कुंवर विजय प्रताप सिंह को पार्टी निलंबित कर चुकी है। शीतल अंगुराल पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। खरड़ की विधायक अनमोल गगन मान को मना लिया गया है।

    हरमीत सिंह पठाणमाजरा ने उनके सन्नौर हलके के पास से गुजरती टांगरी नदी में में बाढ़ के लिए पहले जल स्रोत विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी कृष्ण कुमार को जिम्मेवार ठहराया था। जब बीते कल सरकार ने उनके सुरक्षाकर्मी वापिस ले लिए तो वह खुलकर पार्टी हाई कमान के खिलाफ हो गए। साफ है कि आम आदमी पार्टी में सब कुछ अच्छा नहीं है।

    पार्टी लीडरशिप के प्रति सबसे पहले नाखुशी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने जाहिर की थी। वह मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ खुलकर बोलते रहे हैं। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में सरकार द्वारा ढीली कार्रवाई के खिलाफ वह अक्सर सार्वजनिक मंचों पर बोलते रहे हैं।

    शीतल अंगुराल ने भी लीडरशिप के खिलाफ आवाज उठाई तो उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वह वापिस भाजपा में शामिल हो गए। जालंधर के ही एक अन्य विधायक रमन अरोड़ा को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया। उनकी जगह पार्टी ने नितिन कोहली को हलका इंचार्ज लगाकर साफ कर दिया कि अब रमन अरोड़ा का पार्टी से कोई लेना देना नहीं है।

    खरड़ की विधायक अनमोल गगन मान से पहले उनका मंत्री पद छीन लिया गया। बाद में उन्हें अपने हलके में भी उनकी चलने नहीं दी गई जिस कारण नाराज होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

    सूत्रों का यह भी कहना है कि अनमोल गगन मान ने उस समय ही इस्तीफा दे दिया था जब उन्हें मंत्री पद से हटाया गया था। बस उन्होंने कुछ महीनों बाद इसे स्वीकार करने की बात कही। उन्हें मनाने के लिए पार्टी प्रधान अमन अरोड़ा ने खुद उनसे बात की और अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा।

    जिस प्रकार से हरमीत सिंह पठाणमाजरा के हरियाणा स्थित रिश्तेदार के आवास पर छापामारी करके उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की गई है उससे साफ है कि पार्टी विधायकों की नाराजगी खत्म नहीं हो रही है बल्कि यह फेहरिस्त लंबी होती जा रही है।

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