सिविल अस्पताल में फर्जी डोप टेस्ट सामने आने के बाद डीसी ने दिए जांच के निर्देश
मोहाली के फेज-6 स्थित सिविल अस्पताल में फर्जी डोप टेस्ट सामने आने के बाद मोहाली के डिप्टी कमिश्नर अमित तलवार ने जांच के निर्देश दिए हैं।

जागरण संवाददाता, मोहाली : मोहाली के फेज-6 स्थित सिविल अस्पताल में फर्जी डोप टेस्ट सामने आने के बाद मोहाली के डिप्टी कमिश्नर अमित तलवार ने जांच के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार पिछले हफ्ते एक व्यक्ति सिविल अस्पताल के सीनियर मेडिकल आफिसर डा. एचएस चीमा के पास डोप टेस्ट करवाने के लिए आया था। इस पर एसएमओ ने उसको सैंपल देने की हिदायत दी थी। जब वह व्यक्ति कमरे से बाहर आया तो फोर्थ क्लास कर्मचारी उसे मिला और कहा कि वह सैंपल दिए बिना ही टेस्ट करवा देगा, लेकिन इस काम के लिए 10 हजार रुपये लगेंगे। इसका पता चलने पर एसएमओ ने मामला मोहाली के सिविल सर्जन के संज्ञान में लाया।
वहीं डीसी ने कहा कि एसएमओ डा. एचएस चीमा मामले की जांच कर रहे हैं और अगले हफ्ते रिपोर्ट सौंप देंगे। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। डा. एचएस चीमा ने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि फोर्थ क्लास का कर्मचारी डोप टेस्ट की रिपोर्ट तैयार करने के नाम पर पैसे मांग रहा है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर रहे हैं और जांच करेंगे कि उसने कितने व्यक्तियों से पैसे लेकर फर्जी डोप रिपोर्ट तैयार की है। जिक्रयोग है कि पंजाब सरकार ने आर्म्स लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय डोप टेस्ट करवाना जरूरी कर दिया है। इस रिपोर्ट को गुप्त रखा जाता है और रिपोर्ट सिर्फ डीसी दफ्तर के साथ सांझी की जाती है। अपने सैंपल देने से पहले आवेदक काउंसलिग या जांच के लिए अस्पताल आते हैं, जिस पर इस कर्मचारी की खास नजर रहती है। दरअसल नशे के आदी लोगों को यह शक होता है कि उनका डोप टेस्ट पाजिटिव आ सकता है, इसलिए वह टेस्ट करवाने के बाद हजारों रुपये का खर्चा भरने का जोखिम नहीं उठाता। इसलिए वह पैसे देकर टेस्ट करवाने का रास्ता चुनते हैं, जिस बारे में सेहत विभाग की ओर से जांच की जा रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।