मोहाली में कैब चालक की हत्या के बाद उठी आवाज, यात्रियों के लिए भी केवाईसी अनिवार्य हो
मोहाली में कैब ड्राइवर अनिल की हत्या पर यूनियन ने रोष जताया है। यूनियन प्रधान विक्रम सिंह पुंडीर ने एग्रीगेटर कंपनियों की नीतियों को भी जिम्मेदार ठहराया है क्योंकि वे यात्रियों की केवाईसी अनिवार्य नहीं करतीं और डैश कैम पर रोक लगाती हैं। उन्होंने 10 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है। यूनियन ने ट्राईसिटी प्रशासन से डार्क स्पॉट चिह्नित करने और सुरक्षा बढ़ाने की अपील की है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। मोहाली के नया गांव निवासी कैब ड्राइवर अनिल की हत्या से यूनियन में रोष है। यूनियन के प्रधान विक्रम सिंह पुंडीर का कहना है कि अनिल की हत्या केवल अपराधियों की करतूत नहीं, बल्कि एग्रीगेटर कंपनियों की नीतियों की भी देन है। कंपनियां ड्राइवरों से तो पूरी केवाईसी कराती हैं, लेकिन यात्रियों की पहचान जांच (केवाईसी) अनिवार्य नहीं करती।
एग्रीगेटर कंपनियां गाड़ियों में डैश कैम लगाने पर रोक लगाती हैं और ग्राहक की प्राइवेसी का हवाला देती हैं। ड्राइवरों के मुताबिक, डैश कैम ही उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है। विक्रम सिंह पुंडीर ने मांग की है कि नई एग्रीगेट पॉलिसी में शामिल 10 लाख रुपये का टर्म इंश्योरेंस पीड़ित परिवार को तुरंत मुआवजे के तौर पर दिया जाए।
साथ ही यात्रियों केवाईसी अनिवार्य करने और डैश कैम की अनुमति देने की अपील सुप्रीम कोर्ट व प्रशासन से करती है। दुख की इस घड़ी में यूनियन पीडि़त परिवार के साथ है। ट्राईसिटी में ड्राइवरों से हो रही लूटपाट और हत्याओं को देखते हुए यूनियन चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली प्रशासन से मांग करती है कि डार्क स्पॉट चिह्नित किए जाएं और वहां सुरक्षा का इंतजाम किया जाए।
साथ ही यूनियन जनता से अपील करती है कि कोई भी किसी दूसरे के लिए अपने फोन से कैब न बुक करे। पुंडीर ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जो कि अच्छी बात है लेकिन परिवार को रिपोर्ट लिखवाने के लिए नयागांव व खरड़ थानों के चक्कर लगवाना सरासर गलत बात है।
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