चंडीगढ़ भाजपा नेता शशि शंकर तिवारी समेत पांच दोषी करार, चार साल पुराने शताब्दी रोकने के मामले में फंसे
चंडीगढ़ में, भाजपा नेता शशि शंकर तिवारी समेत पांच लोगों को शताब्दी ट्रेन रोकने के आरोप में दोषी पाया गया। अदालत ने रेलवे अधिनियम के तहत उन पर जुर्माना लगाया। यह घटना 2021 में हुई थी, जब उन्होंने अंडरब्रिज की मांग को लेकर 'रेल रोको' आंदोलन किया था, जिससे रेल यातायात बाधित हुआ। अदालत ने इसे रेलवे संचालन में बाधा माना।

जिला अदालत ने सुनाया फैसला, शशि शंकर तिवारी समेत पांच को दिया दोषी करार।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। ‘रेल रोको’ आंदोलन के दौरान लाल झंडी दिखाकर शताब्दी ट्रेन रोकने के मामले में जिला अदालत ने पूर्व कांग्रेसी व मौजूदा भाजपा नेता शशि शंकर तिवारी समेत पांच लोगों को दोषी करार दिया है। दोषियों में तिवारी के अलावा पवन कुमार, हरविंदर सिंह, राज कुमार और प्रताप सिंह राणा शामिल हैं।
सभी पर चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सचिन यादव की अदालत ने रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 147 और 174ए के तहत दोषी ठहराया और तीन-तीन हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। अदालत ने माना कि दोषियों ने रेलवे संचालन में बाधा डाली और बिना अनुमति रेल ट्रैक पर प्रदर्शन किया। इनकी वजह से ट्रेन 10 मिनट लेट भी हुई थी।
यह घटना तीन सितंबर 2021 को सुबह करीब 10 बजे चंडीगढ़ रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) थाना क्षेत्र के रेलवे गेट के पास हुई थी। दोषियों ने रेलवे ट्रैक पर “रेल रोको” आंदोलन किया और लाल झंडा दिखाकर ट्रेन को रोक दिया। इस दौरान रेल यातायात करीब 10 मिनट तक बाधित रहा। आरपीएफ थाना चंडीगढ़ में मामला दर्ज कर जांच के बाद सभी दोषियों के खिलाफ चालान पेश किया गया। सुनवाई के दौरान दोषियों ने अदालत में स्वेच्छा से दोष स्वीकार किया।
चंडीगढ़ और बलटाना के बीच रेलवे ट्रैक पर अंडर ब्रिज के निर्माण के लिए यह प्रदर्शन किया गया था। यहां से रोजाना हजारों लोग गुजरते हैं और अंडर ब्रिज न होने के कारण उन्हें अभी भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
- शशि शंकर तिवारी, प्रदेश भाजपा सचिव

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