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    नेचुरल डेथ को Chandigarh Police ने बताया गैर इरादतन हत्या, देवर को जेल डाला, फोरेंसिक जांच में निकला सच

    By Ravi Atwal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Sat, 06 Dec 2025 05:56 PM (IST)

    चंडीगढ़ पुलिस ने एक सामान्य मौत को गैर इरादतन हत्या मानकर महिला के देवर को जेल भेज दिया। बाद में फोरेंसिक जांच में पता चला कि महिला की मौत स्वाभाविक थ ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पारिवारिक विवाद के बाद बुजुर्ग महिला की अचानक मौत हो गई, लेकिन पुलिस ने इसे आपराधिक रंग दे दिया। पुलिस ने महिला के बेटे की शिकायत पर उसके चाचा अशोक मित्तल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। मित्तल को जेल भेज दिया। अब चार महीने बाद फोरेंसिक रिपोर्ट ने इस केस में पुलिस की इन्वेस्टिगेशन की पोल खोल दी है।

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    सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (सीएफएसएल) की रिपोर्ट से पता चला है कि सेक्टर-36 में महिला की मौत किसी झगड़े या मारपीट से नहीं हुई थी, बल्कि 'नेचुरल डेथ' यानी प्राकृतिक मौत थी। महिला को पहले से दिल की बीमारी थी और हार्ट अटैक के कारण उसकी मौत हुई थी। सीएफएसएल की रिपोर्ट के आधार पर जिला अदालत ने चार महीने से जेल में बंद मित्तल को जमानत दे दी।

    महिला के बेटे ने लगाए थे झगड़े और हाथापाई के आरोप

    पुलिस ने सेक्टर-36 निवासी अजय मित्तल की शिकायत पर केस दर्ज किया था। उन्होंने बताया कि उनके घर में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी उनके चाचा अशोक मित्तल की है। घर को बेचने को लेकर उनके बीच पारिवारिक विवाद था। 20 अगस्त 2025 की रात वह घर में मौजूद नहीं थे। उनकी गैर मौजूदगी में उनके चाचा ने उनकी मां संतोष मित्तल के साथ झगड़ा किया और हाथापाई की।

    इस हाथापाई में संतोष की हालत खराब हो गई और वह बेसुध होकर गिर पड़ी। इतने में वह घर पहुंच गए, तो देखा कि उनकी मां जमीन पर गिरी पड़ी थी। उन्होंने फौरन पुलिस को फोन किया। पुलिस की गाड़ी में संतोष को अस्पताल पहुंचाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। अजय मित्तल की शिकायत पर पुलिस ने उनके चाचा अशोक मित्तल को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 यानी गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया।

    पोस्टमार्टम रिपोर्ट से निकला सच

    अशोक मित्तल का केस लड़ने वाले एडवोकेट हरीश भारद्वाज ने कहा कि अशोक को इस केस में फंसाया गया था। पुलिस के पास संतोष मित्तल के बेटे की शिकायत के अलावा कोई सबूत नहीं हैं। इस केस में कोई चश्मदीद गवाह भी नहीं था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक संतोष के शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं मिले। डाॅक्टरों ने उनकी मौत का कारण एक्यूट कोरोनरी इंसफिशिएंसी बताया जो कि एक क्रानिक इस्केमिक हार्ट डिसीज है। यानी संतोष की मौत एक नेचुरल डेथ थी।