चंडीगढ़ में विकास कार्यों में नहीं आएगी वित्तीय बाधा, पहले से पास प्रोजेक्ट्स नहीं रुकेंगे, नई योजनाओं पर एमएचए से मंजूरी जरूरी
चंडीगढ़ प्रशासन को बड़ी राहत मिली है। पहले से स्वीकृत प्रोजेक्ट्स अब नहीं रुकेंगे, जिससे विकास कार्य सुचारू रूप से जारी रहेंगे। नए प्रोजेक्ट्स को गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी। वित्तीय शक्तियों के पुनर्वितरण से संबंधित असमंजस दूर हो गया है और रुके हुए टेंडर फिर से शुरू होंगे। प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने वित्तीय शक्तियों के पुनर्वितरण को मंजूरी दी है।

वित्तीय शक्तियां को लेकर बनी असमंजस की स्थिति में रुक गए थे विकास कार्य।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। यूटी प्रशासन से अधिकारियों से वित्तीय शक्तियों को लेकर बनी असमंजस की स्थिति अब दूर हो गई है। पहले से स्वीकृत प्रोजेक्ट्स अब नहीं रुकेंगे, जिससे विकास कार्य सुचारू रूप से जारी रहेंगे। जबकि नए प्रोजेक्ट्स को गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी। इस संबंध में वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। भविष्य के हर नए प्रोजेक्ट्स पर गृह मंत्रालय की मंजूरी लेनी होगी। अभी तक 30 सितंबर को जारी आदेश के बाद असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।
इंजीनियरिंग विंग ने पुराने पास हुए सभी कामों के टेंडर रोक दिए थे, जिससे कोई काम शुरू नहीं हो पा रहा था। नई योजनाओं या परियोजनाओं की स्वीकृति गृह मंत्रालय (एमएचए) की बिना मंजूरी नहीं हो सकेगी। प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने वित्तीय शक्तियों के पुन वितरण को मंजूरी दी है। यह आदेश नियम 12(3) के तहत जारी किया गया है।
अब सभी विभागों को नई परियोजनाओं के मूल्यांकन के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय के दिशानिर्देशों के तहत निर्धारित फाॅर्म भरने होंगे। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि संबंधित वित्तीय वर्ष में बजटीय प्रविधान मौजूद होना चाहिए। यूटी प्रशासन से अधिकारियों से वित्तीय शक्तियां छीने जाने के बाद पूरे प्रशासनिक तंत्र में अफरा-तफरी का माहौल है।
सरकारी घरों की सफेदी, इमारतों की मरम्मत से लेकर अस्पतालों में दवाओं की सप्लाई तक सब कुछ रुक गया है। अब सोमवार से यह रूके हुए काम शुरू हो जाएंगे। पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने 30 सितंबर को एक आदेश जारी कर यूटी प्रशासन के अधिकारियों से सभी वित्तीय शक्तियां वापस लेकर उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंप दिया था।
इस आदेश के बाद अब किसी भी विभाग को छोटे से छोटे खर्च या काम के लिए भी गृह मंत्रालय से मंजूरी लेनी अनिवार्य कर दी गई है। इस आदेश के बाद से कई विभागों के काम बंद पड़ गए गए थे। नए टेंडर भी नहीं लगाए जा रहे थे ।अब पुराने पास हो चुके कामों के लिए भी टेंडर फिर से लगने शुरू हो जाएंगे।
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