साइबर अपराधियों की अब खैर नहीं, नकेल कसने के लिए जूनियर साइबर फॉरेंसिक कंसल्टेंट की होगी नियुक्ति
पंजाब पुलिस साइबर अपराधों से निपटने के लिए साइबर फोरेंसिक कंसल्टेंट नियुक्त करने जा रही है। राज्य में साइबर अपराधों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिससे लोगों को भारी नुकसान हो रहा है। सबसे ज्यादा मामले लुधियाना जालंधर और मोहाली में दर्ज हुए हैं। साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस हेल्पलाइन और ऑनलाइन शिकायत पोर्टल को मजबूत कर रही है।

रोहित कुमार, चंडीगढ़। पंजाब पुलिस के स्टेट साइबर क्राइम डिवीजन ने साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जूनियर साइबर फारेंसिक कंसल्टेंट की नियुक्ति करने जा रहा है। साइबर एक्सपर्ट का मानना है कि पंजाब जैसे राज्य जहां पर बड़ी संख्या में युवा और उद्योगपति ऑनलाइन लेने देते है वहां पर साइबर सुरक्षा पर ज्यादा निवेश की जरूरत है।
जागरूकता अभियान, स्कूल कालेज स्तर पर ट्रेनिंग और बैंकिंग सुरक्षा पर खास ध्यान देना समय की जरूरत है। ऐसे में पंजाब पुलिस की यह नई पहल विशेषज्ञों को टीम में शामिल करना भविष्य में साइबर अपराधों पर काबू पाने में अहम कदम साबित हो सकती है।
पिछले तीन वर्षों में पंजाब में साइबर अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ा है। 2022 में कुल 697 मामले दर्ज हुए, जबकि 2021 में यह संख्या 551 थी। 2023 में आंकड़ा 700 से ऊपर पहुंचा।
2024 में साइबर हेल्पलाइन 1930 पर 35,000 से अधिक शिकायतें दर्ज हुई, जिनमें पीड़ित को लगभग 476 करोड़ का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। पुलिस ने 64 आरोपियों को गिरफ्तार किया और 7,500 से अधिक हानिकारक यूआरएल ब्लाक किए।
राज्य के लुधियाना और जालंधर जैसे औद्योगिक शहरों में सबसे ज्यादा आनलाइन फ्राड और फेक पेमेंट से जुडे मामले सामने आए। पटियाला और बठिंडा में इंटरनेट मीडिया हैकिंग और ओटीपी फ्राड के कई केस दर्ज हुए।
वहीं, मोहाली में हाल ही में डिजिटल अरेस्ट गैंग पकड़ा गया, जिसने देशभर में करीब 92 करोड़ रुपये की ठगी की थी। यह गिरोह खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को डराता और आनलाइन पैसे वसूलता था। साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस ने साइबर मित्र चैटबाट, हेल्पलाइन 1930 और आनलाइन शिकायत पोर्टल को मजबूत किया है।
पंजाब पुलिस की ओर से अब विशेषज्ञ कंसल्टेंट्स की नियुक्ति कर जांच और फारेंसिक विश्लेषण की क्षमता और बढ़ाई जाएगी। पुलिस का मानना है कि तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से न सिर्फ केस तेजी से सुलझेंगे, बल्कि अपराधियों तक पहुंच पाना भी आसान होगा। साफ है कि पंजाब में साइबर अपराधों की चुनौती लगातार गहराती जा रही है। लुधियाना से लेकर अमृतसर तक लोग आनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं।
कौन बने शिकार?
- युवा वर्ग : नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं को फर्जी जाब आफर और आनलाइन लोन ऐप्स के जरिए ठगा गया।
- महिलाएं : आनलाइन शापिंग, सोशल मीडिया हैकिंग और फ्रेंड रिक्वेस्ट के जरिए महिलाओं को निशाना बनाया गया। कई मामलों में ब्लैकमेलिंग तक की नौबत आई।
- पुरुष और बुजुर्ग : बैंकिंग फ्राड और काल सेंटर ठगी के शिकार ज्यादातर बुजुर्ग पुरुष बने। उन्हें सरकारी अधिकारी या बैंक प्रतिनिधि बनकर कसल की जाती और ओटीपी पूछकर खाते से पैसे निकाल लिए जाते।
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