Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इमिग्रेशन जांच के दौरान टूटा विदेश जाने का सपना, जांच के दौरान फर्जी निकले दस्तावेज; क्या बोला ठगी का शिकार शख्स?

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 06:40 PM (IST)

    एक व्यक्ति विदेश जाने के सपने के साथ एयरपोर्ट पहुंचा, लेकिन इमिग्रेशन जांच में उसके दस्तावेज नकली पाए गए। उसे पता चला कि वह ठगी का शिकार हो गया है। यह घटना विदेश जाने के इच्छुक लोगों को धोखेबाजों से सावधान रहने की चेतावनी देती है। किसी भी अनजान व्यक्ति या कंपनी पर भरोसा करने से पहले पूरी तरह जांच कर लें।

    Hero Image

    विदेश जाने का सपना टूटा हकीकत की ठगी में, एयरपोर्ट पर खुली पोल (प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। विदेश जाने का सपना देखने वाले एक हरियाणा के परिवार से लंदन के वर्क वीजा के नाम पर सेक्टर-8, डीवाइ मैनेजमेंट नामक इमिग्रेशन कंपनी ने 55 लाख की ठगी कर ली।

    जब पीड़ित दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे, तो पता चला कि उनके वीज़ा और दस्तावेज नकली हैं। गांव धर्मगढ़, जिला पानीपत (हरियाणा) के निवासी रविंद्र शर्मा और उनकी पत्नी ज्योति शर्मा ने अपने बच्चे के साथ लंदन जाना था।

    कंपनी ने उनकी पत्नी का तीन साल का वर्क वीजा देने का दावा किया था। रविंद्र ने बताया कि वह चाहता था कि उसकी पत्नी लंदन जाकर काम करे और परिवार को आगे बढ़ाए। जब चंडीगढ़ सेक्टर-9 स्थित डीवाइ मैनेजमेंट नामक इमिग्रेशन कंपनी के लोगों से मुलाकात हुई, तो उन्होंने हमें भरोसा दिलाया कि वे सिर्फ 30 से 45 दिनों में तीन साल का वर्क वीजा दिला देंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रविंद्र ने कहा कि कंपनी के संचालक बहुत प्रोफेशनल तरीके से बात करते थे, और दफ्तर में विदेशी झंडे, फोटो और डिप्लोमा सर्टिफिकेट टंगे हुए थे। सबकुछ असली लग रहा था। कंपनी ने शुरुआत में 36.96 लाख की मांग की, जिसे रविंद्र ने आनलाइन ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद वेरिफिकेशन, डाक्यूमेंटेशन, एम्बेसी फीस जैसे बहाने बन

    नवंबर 2024 में कंपनी ने कहा कि वीजा क्लीयर हो गया है और दिल्ली एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़नी है। रविंद्र और उनकी पत्नी बच्चे के साथ खुशी-खुशी एयरपोर्ट पहुंचे, लेकिन वहां इमिग्रेशन अधिकारियों ने दस्तावेज देखकर कहा कि यह नकली हैं।

    इसके बाद पूरा परिवार हैरान रहा गया। उनके हमारे पैरों तले जमीन खिसक गई। इतने महीनों की मेहनत और उम्मीद एक झटके में खत्म हो गई। कंपनी ने फोन पर उन्हें समझाया कि उनका काम दोबारा करवा देंगे। लेकिन उसके बाद कंपनी ने फोन उठना बंद हो गया।

    रविंद्र जब पैसे लौटाने कंपनी पहुंचे, तो संचालकों ने टालमटोल की और जान से मारने की धमकी तक दी।पीड़ित ने बताया कि 4 नवंबर 2024 से 14 जनवरी 2025 तक उन्हें गुमराह किया गया। हर बार नए झूठ, नए वादे और नए बहाने बनाए गए।

    आखिरकार, रविंद्र ने हिम्मत जुटाकर सेक्टर-3 थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की धाराओं में मामला दर्ज किया है। शिकायत में कंपनी के मालिक व कर्मचारियों गौरव शर्मा, ध्रुव जोशी, ऋतु जोशी, सुनीता शर्मा, राजीव चौधरी, खुशबू, गीतांजलि, आरती, जुबैर अहमद, स्त्री भाटिया, नैन्सी धीमान, अनु और अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।

    पुलिस सूत्रों के अनुसार कंपनी एक संगठित गिरोह के रूप में काम करती है, और इसके तार अन्य राज्यों तक भी हो सकते हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी की जाएगी।