Himachal News: अंसल प्रॉपर्टीज पर HRERA की जुर्माना कार्रवाई को हाई कोर्ट ने सही ठहराया
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरेरा द्वारा अंसल प्रॉपर्टीज पर लगाए जुर्माने में हस्तक्षेप करने से इनकार किया। अदालत ने कहा कि कंपनी को रेरा एक्ट के तहत वैधानिक उल्लंघनों के लिए दंडित किया गया है। अदालत ने यह भी कहा कि कंपनी भले ही दिवालियापन प्रक्रिया से गुजर रही हो जुर्माने का भुगतान करने के लिए बाध्य है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (हरेरा) द्वारा अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड पर लगाए गए अंतरिम जुर्माने के आदेशों में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि ये दंड रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट 2016 (रेरा) के तहत वैधानिक उल्लंघन के कारण लगाए गए हैं और कंपनी, भले ही दिवालियापन प्रक्रिया से गुजर रही हो, अपने रेजाल्यूशन प्रोफेशनल के माध्यम से अनुपालन सुनिश्चित करेगी।
जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस प्रमोद गोयल की खंडपीठ ने अंसल प्रापर्टीज की याचिका खारिज करते हुए यह आदेश सुनाया।
अदालत ने कहा कि कंपनी के पास रेरा अधिनियम की धारा 43 (5) के तहत रियल एस्टेट अपीलीय अधिकरण में अपील करने का वैकल्पिक उपाय उपलब्ध है, न कि सीधे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना है। विवाद उस समय उत्पन्न हुआ, जब हरेरा ने 14 मई, 28 मई और 26 मार्च 2025 के आदेशों के जरिए कंपनी पर आठ-आठ लाख रुपये के जुर्माने लगाए।
यह कार्रवाई कई संज्ञान शिकायतों में की गई, जिनमें रेरा की वैधानिक जिम्मेदारियों जैसे प्रोजेक्ट खुलासे और अनुपालन में चूक सामने आई थी।
कंपनी की ओर से दलील दी गई कि चूंकि वह कारपोरेट इनसाल्वेंसी रिजाल्यूशन प्रोसेस ( सीआइआरपी) से गुजर रही है, इसलिए इस अवधि में हरेरा द्वारा जुर्माना जमा करने का आदेश अस्थिर और अवैध है।
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