जुनैद खान लिंचिंग मामले में आरोपी को नहीं मिली जमानत, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जुनैद खान लिंचिंग मामले में मुख्य आरोपी नरेश की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि गवाहों को सुरक्षित माहौल में बयान दर्ज कराने का अवसर मिलना चाहिए। गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद आरोपी पुन जमानत याचिका दायर कर सकता है। जुनैद खान की 2017 में हत्या कर दी गई थी जिसके बाद से यह मामला चल रहा है।

राज्य ब्यूरो, पंचकूला। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 2017 के चर्चित जुनैद खान लिंचिंग मामले में मुख्य आरोपित नरेश की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
कोर्ट ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए गवाहों को सुरक्षित माहौल में बयान दर्ज कराने का अवसर देना जरूरी है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद आरोपी को पुन जमानत के लिए याचिका दायर करने की स्वतंत्रता होगी।
चीफ जस्टिस शील नागू ने आदेश सुनाते हुए कहा कि, इस कोर्ट का विचार है कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए शेष गवाहों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराया जाना चाहिए। जब तक उनकी गवाही पूरी नहीं हो जाती, आरोपित को राहत नहीं दी जा सकती।
कोर्ट ने कहा कि अभी दो प्रत्यक्षदर्शी गवाहों की गवाही बाकी है।आरोपित नरेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 323, 324, 34 तथा रेलवे एक्ट की धारा 145 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जून 2017 में जुनैद खान, जो 16 साल का था, दिल्ली से ईद की खरीदारी कर अपने घर लौट रहा था। आरोपों के अनुसार मथुरा जाने वाली ट्रेन में धार्मिक टिप्पणियों के बाद उसका विवाद हुआ और बाद में उस पर चाकू से हमला कर उसकी हत्या कर दी गई।
इस घटना में जुनैद के भाई और दो चचेरे भाइयों पर भी हमला किया गया था। पुलिस ने नरेश समेत छह लोगों को हत्या, हत्या के प्रयास और धार्मिक भावनाएं आहत करने जैसी धाराओं में आरोपित किया था।
फरीदाबाद की ट्रायल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई साक्ष्य चरण पर थी, लेकिन मार्च 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित जुनैद के पिता जलालुद्दीन की याचिका पर ट्रायल पर रोक लगा दी थी। जलालुद्दीन ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।
हालांकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने नवंबर 2017 में उनकी यह मांग खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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