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    कंगना रनौत पर चलेगा मानहानि का मुकदमा, महिंदर कौर मामले में हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका; क्या है पूरा मामला?

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 02:49 PM (IST)

    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कंगना रनौत की याचिका खारिज कर दी जिसमें उन्होंने बठिंडा कोर्ट में चल रहे मानहानि केस को रद्द करने की मांग की थी। अदालत ने कहा कि कंगना के खिलाफ धारा 499 और 500 के तहत आरोप बनता है। यह मामला कंगना के किसान आंदोलन के दौरान किए गए एक ट्वीट से जुड़ा है।

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    कंगना रनौत की याचिका हाईकोर्ट से खारिज, महिंदर कौर मानहानि मामले में चलेगा ट्रायल

    दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने बठिंडा की अदालत में उनके खिलाफ चल रही आपराधिक मानहानि की शिकायत को रद्द करने की मांग की थी।

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    न्यायमूर्ति त्रिभुवन दहिया की एकल पीठ ने स्पष्ट किया कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ धारा 499 और 500 आईपीसी के तहत अभियोग बनता है, और मजिस्ट्रेट द्वारा जारी समन आदेश विधि सम्मत है।

    यह विवाद एक ट्वीट को लेकर है, जिसे कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान पोस्ट किया था। उन्होंने एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा था, “हा हा हा यह वही दादी हैं जो टाइम मैगज़ीन में सबसे प्रभावशाली भारतीय के तौर पर आई थीं... और यह 100 रुपये में उपलब्ध हैं।”...'

    ट्वीट में लगी थी महिंदर कौर की तस्वीर

    इस रीट्वीट में बठिंडा निवासी महिंदर कौर की तस्वीर लगी थी, जिन्होंने अदालत में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उन्हें गलत तरीके से दिल्ली की शाहीन बाग प्रदर्शनकारी महिला से जोड़कर उनकी छवि को धूमिल किया गया।

    मजिस्ट्रेट ने कंगना के खिलाफ समन जारी करते हुए माना था कि यह बयान उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला है और एक सार्वजनिक हस्ती होने के नाते कंगना को अधिक जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए था।

    हाईकोर्ट ने भी यह कहा कि मजिस्ट्रेट ने सभी साक्ष्यों की समीक्षा के बाद विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुए समन जारी किया, और रिपोर्ट न मिलने के बावजूद प्रक्रिया वैध रही।

    कंगना ने दिया था यह तर्क

    कंगना की ओर से यह तर्क दिया गया था कि ट्वीट में उनके इरादे गलत नहीं थे और यह ट्वीट उन्होंने ‘गुड फेथ’ में किया था, लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया।

    इसके साथ ही, यह दलील भी खारिज कर दी गई कि केवल कंगना के विरुद्ध शिकायत दर्ज की गई जबकि मूल ट्वीट करने वाले गौतम यादव को शिकायत में शामिल नहीं किया गया।

    अंततः अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता यदि अपनी छवि की रक्षा के लिए कानूनी कार्रवाई करती हैं, तो इसे दुर्भावनापूर्ण नहीं माना जा सकता।