मोहाली में बड़ी जालसाजी का पर्दाफाश, दो हजार के नोट बदलने के नाम पर प्रति डील 40 लाख का दिया लालच, ज्वेलर से ठगे सात करोड़, 12 लोगों पर केस दर्ज
मोहाली पुलिस ने एक बड़ी जालसाजी का पर्दाफाश करते हुए 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन शातिरों ने एक गिरोह बनाया हुआ था। इन लोगों पर दो हजार के नोट बदलने के नाम पर प्रति डील 40 लाख का लालच देकर सात करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

300 करोड़ रुपये के नोट बदलवाने का लालच दिखाया।
जागरण संवाददाता, मोहाली। मोहाली पुलिस ने बड़ी जालसाजी का पर्दाफाश किया है। दो हजार के नोट बदलने पर प्रति डील 40 लाख रुपये का लालच देकर ज्वेलर से करीब सात करोड़ रुपये ठगने वाले गिरोह के 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। फेज फेज-1 थाने में दर्ज एफआईआर में शैलेश ओटी, मोहित मोटी, दीपक अग्रवाल, दयाल ललवानी, अवतार सिंह, गौकुल, रजिंदर सिंह, विक्रम सैफी, मंजीत सिंह, सचिन, अजय शर्मा और रश्मि सिंगला का नाम है।
शिकायतकर्ता ने एसएसपी मोहाली को शिकायत दी थी कि उनकी फेज-4 में ज्वेलरी की दुकान है। शैलेश ओटी और मोहित मोटी उनकी दुकान पर ज्वेलरी खरीदने के बहाने आए थे। इस दौरान उन्होंने बताया कि वे दो हजार के नोट बदलवाने का काम करते हैं और यदि किसी को नोट बदलवाने हों तो उन्हें बता सकते हैं। शिकायतकर्ता के एक परिचित ने इस संबंध में बात की, जिसके बाद उनकी मुलाकात दीपक अग्रवाल से करवाई गई। दीपक ने बताया कि उसे करीब 300 करोड़ रुपये के नोट बदलवाने हैं।
शिकायतकर्ता ने दीपक को शैलेश और मोहित से मिलवा दिया। यह बैठक उनकी दुकान पर ही हुई, जिसमें शैलेश और मोहित ने कहा कि चूंकि क्लाइंट उन्होंने लाया है, इसलिए उन्हें प्रति डील 40 लाख रुपये का कमीशन मिलेगा। शिकायतकर्ता ने बताया कि कमीशन की बात सुनकर वे लालच में आ गए। लेकिन आरोपितों ने शर्त रखी कि कमीशन के लिए पहले 40 लाख रुपये जमा करवाने होंगे। जब पेमेंट बदली जाएगी, तब उन्हें एडवांस और कुल कमीशन की 10 फीसदी रकम दी जाएगी।
दीपक के माध्यम से अन्य 8–9 लोगों ने भी संपर्क किया और बताया कि वे भी 100 से 300 करोड़ रुपये के नोट बदलवाना चाहते हैं। शिकायतकर्ता ने सभी की जानकारी शैलेश और मोहित को दी और प्रति क्लाइंट 40–40 लाख रुपये की स्लॉट मनी आरोपियों को बैंक खाते और नकद के जरिए दे दी। पैसे लेने के बाद सभी शातिरों ने संपर्क बंद कर दिया। शिकायतकर्ता ने जांच की तो पता चला कि ये सभी एक ही गिरोह के सदस्य हैं और आपस में जुड़े हुए हैं। इस तरह उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से जालसाजी कर शिकायतकर्ता को ठगी का शिकार बनाया और उनकी जीवनभर की जमा पूंजी हड़प ली।
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