पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पास बनेगी ओपन पार्किंग, 530 वाहन खड़े हो सकेंगे
चंडीगढ़ में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सामने पांच एकड़ कच्ची जमीन पर ओपन पार्किंग बनाई जाएगी। इस पार्किंग के बनने से वकीलों वादी-पक्ष और आम जनता को पार्किंग की समस्या से निजात मिलेगी। यह नई पार्किंग 530 वाहनों की क्षमता वाली होगी। कोर्ट के आदेशानुसार यहां पर्यावरण के अनुकूल ग्रीन पेवर ब्लॉक बिछाए जाएंगे जिससे हरियाली बनी रहेगी और जलभराव की समस्या से भी बचाव होगा।

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सामने करीब पांच एकड़ हरी-भरी कच्ची जमीन को ओपन पार्किंग बनेगी। यह पार्किंग 7.11 करोड़ में बनेगी। पार्किग बनाने के लिए दो माह का समय दिया गया है। पार्किंग के निर्माण से प्रतिदिन आने वाले वकीलों, वादी-पक्ष और आम जनता को पार्किंग की बड़ी दिक्कत से राहत मिलेगी।
इस समय हाईकोर्ट में पार्किंग की काफी दिक्कत है। यह नई पार्किंग 530 वाहनों की क्षमता वाली बनेगी। इस साल 28 मई को कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस खुले इलाके में पर्यावरण के अनुकूल ग्रीन पेवर ब्लाक बिछाए जा सकते हैं। इन ब्लाकों के बीच घास उगाई जाएगी और तय दूरी पर पेड़ लगाए जाएंगे, जिससे हरियाली व छाया बनी रहेगी।
प्रशासन के अनुसार ग्रीन पेवर ब्लाक लगाने का फायदा यह रहेगा कि पानी जमीन में रिसकर चला जाएगा, जिससे मिट्टी का कटाव नहीं होगा और जलभराव की भी स्थिति नहीं बनेगी। इसके साथ ही धूल और प्रदूषण कम होंगे। गर्मियों में पेड़ों से छाया और मानसून में जलभराव से बचाव मिलेगा। मालूम हो कि इस समय इस तरह के ग्रीन पेवर ब्लाक सेक्टर-27 में एक पार्क के चारों तरफ और सेक्टर-19 में पर्यावरण भवन में लगे हुए हैं।
प्रशासन ने एक लैंडस्केप कंसल्टिंग कंपनी से डिजाइन तैयार करवाया है। यह क्षेत्र कैपिटल काॅम्प्लेक्स का हिस्सा है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है। इसलिए पूरा काम वरिष्ठ इंजीनियरिंग अधिकारियों और सांस्कृतिक विरासत विशेषज्ञों की देखरेख में किया जाएगा।
पार्किंग स्थल पर घास की टाइल्स बिछाई जाएंगी, जिससे वर्षा जल संरक्षण और हरियाली दोनों को बढ़ावा मिलेगा। अधिकारियों का कहना है कि यह परियोजना आने वाले समय में हाईकोर्ट परिसर को और सुंदर व टिकाऊ बनाने में सहायक होगी।
इसलिए नहीं बनेगी मल्टीलेवल पार्किंग
साल 2023 में बनी हेरिटेज इम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट ने यहां भूमिगत मल्टीलेवल पार्किंग बनाने का विरोध किया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि भूमिगत निर्माण से ट्रैफिक और प्रदूषण बढ़ेगा और धरोहर भवनों का सौंदर्य प्रभावित होगा। इसी कारण अब जमीनी ग्रीन पेवर पार्किग योजना को को प्राथमिकता दी गई है।
समय पर नहीं होता काम
सेकेंड इनिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके गर्ग का कहना है कि टेंडर में तय समय सीमा के तहत काम पूरा नहीं होता है। इस पर इंजीनियरिंग विंग को कार्रवाई करनी चाहिए। इससे पहले हाईकोर्ट के पास जो सड़क निर्माण कार्य का ठेका अलाट हो चुका है। इस काम के लिए चार माह का समय तय किया गया था।
चार माह का समय पूरा हो गया है लेकिन काम पूरा नहीं हुआ है। यह कार्य 1,55,47,785 की लागत से किया जा रहा है। प्रशासन के अनुसार इस प्रोजेक्ट से हाईकोर्ट और रॉक गार्डन क्षेत्र में ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर होगी तथा आने-जाने वालों को पार्किंग की सुविधा भी मिलेगी।
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