Punjab Flood: 37 साल पहले पानी में बहकर पाकिस्तान पहुंच गए थे 1300 लोग, पंजाब में बाढ़ पहले भी मचा चुकी है तबाही
पंजाब में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने 1988 की बाढ़ का रिकॉर्ड तोड़ दिया है लेकिन इस बार जान-माल की हानि कम हुई है। उन्नत तकनीक ने जानें बचाने में मदद की है फिर भी फसलों को नुकसान हुआ है। 1988 में पौंग और भाखड़ा बांधों के भरने के बाद बारिश ने तबाही मचाई थी जिसमें कई लोग पाकिस्तान तक बह गए थे।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। भारी बरसात के कारण पंजाब में आई बाढ़ ने 1988 की बाढ़ का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। हालांकि, इस बार 1988 की तुलना में जानी नुकसान कम हुआ है। आज की उन्नत टेक्नालॉजी ने न केवल जानें बचाईं, बल्कि अन्य नुकसान को भी कम किया है। फिर भी, फसलों को नुकसान से नहीं बचाया जा सका।
1988 में पौंग और भाखड़ा बांधों के भर जाने के बाद आई बारिश ने तबाही मचाई थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, उस समय 1300 लोग बाढ़ में बहकर पाकिस्तान पहुंच गए थे। पाकिस्तान रेडियो ने 5 अक्टूबर को इस घटना की जानकारी दी थी।
पंजाब सरकार ने उस दिन मरने वालों की संख्या 607 बताई थी, जो बाद में बढ़ने की संभावना थी। तब गुरदासपुर में 196, होशियारपुर में 157 और अमृतसर में 67 मौतें हुई थीं, जबकि कई लोग अभी भी लापता थे।
उस बाढ़ से लगभग छह लाख लोग प्रभावित हुए थे, जिससे तब की बाढ़ की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। तरनतारन और कपूरथला के लोगों का कहना है कि 1988 में केवल एक बार पानी का बहाव आया था, जबकि आज स्थिति यह है कि बाढ़ का पानी एक दिन नीचे जाता है और अगले दिन फिर ऊपर आ जाता है। इसका मुख्य कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में एक साथ हो रही बारिश है। इस बार की बाढ़ ने एक बार फिर से 1988 की यादें ताजा कर दी हैं।
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