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    बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए खुशखबरी, खेतों से निकली रेत को बेच सकेंगे बागवान

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 02:34 PM (IST)

    पंजाब में बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए खुशखबरी है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि किसान खेतों से निकली रेत को बेच सकते हैं जिसके लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान जल्द ही नीति घोषित करेंगे। सिसोदिया ने केंद्रीय कृषि मंत्री के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह समय आरोप लगाने का नहीं है।

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    आम आदमी पार्टी के पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के पंजाब के प्रभारी मनीष सिसोदिया ने कहा कि बाढ़ के कारण खेतों में आए रेत को किसान माइनिंग करके बेच सकते हैं। इसे लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान एक दो दिनों में नीति की घोषणा कर सकते हैं।

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    पार्टी के दफ्तर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिसोदिया ने कहा, किसान आज चिंतित हैं कि उसके खेतों में जो रेत आई हैं, उसे वो कैसे हटा कर अपनी अगली फसल बीज बाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी प्रभारी होने के नाते वह किसानों को बता देना चाहते हैं कि इसे लेकर दो-तीन दिन में पालिसी घोषित होगी। किसान अपने खेत को साफ कर रेत को बेच भी सकेंगे।

    केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान द्वारा बाढ़ आने के पीछे इनलीगल माइनिंग वजह होने को कारण बताने को लेकर उठे सवाल के जवाब में सिसोदिया ने कहा, केंद्रीय मंत्री को दुख के समय में इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप नहीं करने चाहिए थे। क्योंकि वर्तमान में पंजाब के किसानों पर दुख का पहाड़ टूटा है। वह परेशान हैं। हालांकि उन्होंने इनलीगल माइनिंग को लेकर उठे सवाल का जवाब नहीं दिया।

    प्रधानमंत्री के 9 सितंबर को होने वाले दौरे के संबंध में सिसोदिया ने कहा, प्रधानमंत्री जी को दौरे पर आने से पहले पंजाब के 60,000 करोड़ रुपये जारी कर देने चाहिए। जोकि पंजाब के हक का पैसा है। उन्होंने कहा कि आज अगर यह पैसा जारी हो जाता हैं तो लोगों को राहत के लिए चल रहे कामों में तेजी आ सकती है। प्रधानमंत्री दौरा करें, लेकिन उससे पहले उन्हें पंजाब के फंड को रिलीज करना चाहिए।

    सिसोदिया ने यह भी कहा का ऐसा नहीं हैं कि प्रधानमंत्री दौरा करेंगे तो ही उन्हें पता चलेगा। केंद्रीय कृषि मंत्री पहले ही दौरा कर चुके हैं। आज डिजीटल युग है। प्रधानमंत्री को पता ही होगा कि पंजाब के लोगों पर कितनी बड़ी विपदा आई है। 1988 में जब बाढ़ आई थी तब भी पानी दो दिन में उतर गया था, लेकिन इस बार जो बाढ़ आई हैं पानी लंबे समय तक गांव व खेतों में खड़ा रहा है।

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