पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, खेतों से रेत निकाल कर बेच सकेंगे किसान; कैबिनेट से मिली मंजूरी
पंजाब कैबिनेट ने बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया है। खेतों में जमी गाद (सिल्ट) को किसान बिना रॉयल्टी दिए निकाल और बेच सकते हैं। फसल नुकसान के लिए 20000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलेगा जो कि अब तक का सबसे अधिक है। मुस्तरका खातों के कारण मुआवजे में दिक्कतें दूर करने के लिए चेक दिए जाएंगे। मकान गिरने पर भी मुआवजा मिलेगा।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जिन किसानों के खेतों में बाढ़ का पानी आने के कारण सिल्ट जम गई है ,उन्हें निकालने के लिए पंजाब कैबिनेट में आज एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि किसान इसे पूरी तरह निकाल सकते हैं और जहां जी चाहे इसे बेच सकते हैं। इसके लिए उन्हें सरकार को रॉयल्टी भी देने की जरूरत नहीं है।
किसान इसे अपने काम के लिए भी उपयोग में ला सकते हैं । कैबिनेट की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक वीडियो मैसेज के जरिए बताया कि आज कैबिनेट में कुछ महत्वपूर्ण फैसले बाढ़ से संबंधित लिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है उन्हें 20000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा जो अब तक का सबसे अधिक मुआवजा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि मुस्तरका खातों के कारण कई जगह पर दिक्कत आने की संभावना है इसलिए सभी संबंधित किसानों को उनकी नुकसान हुई फसल का मुआवजा चेक के जरिए उन्हें डीसी या पटवारी के माध्यम से सौंपा जाएगा।
पंजाब और पंजाबियों के लिए यह है CM मान का जज़्बा 🙏
— AAP (@AamAadmiParty) September 8, 2025
मुख्यमंत्री @BhagwantMann जी की तबीयत ख़राब है, उन्हें अस्पताल में Drip लगी हुई है। लेकिन फिर भी पंजाब के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी वह पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं।
आज बाढ़ की स्थिति और राहत कार्यों को लेकर पंजाब सरकार की… pic.twitter.com/19Z6YCxlF6
इसके अलावा जिन लोगों के मकान गिर गए हैं उन्हें भी पानी उतर जाने के बाद एक सर्वे करवा कर मुआवजा राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने माना कि इस बाढ़ के कारण हुए नुकसान के चलते बहुत से किसान अपनी कर्ज की किस्त की अदायगी नहीं कर पाएंगे इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है कि जिन किसानों ने कोऑपरेटिव बैंकों से कर्ज लिए हुए हैं उन्हें अगले 6 महीने तक कोई किस्त देने की जरूरत नहीं है और ना ही इस राशि पर कोई ब्याज लिया जाएगा।
भगवंत मान ने कहा कि बाढ़ के बाद बहुत से इलाकों में बीमारी फैलने का डर भी बना हुआ है। इसलिए सरकार ने यह भी फैसला किया है कि सभी गांव में डीप क्लीनिंग कराई जाएगी और शहरों व गांव में फॉगिंग मशीन भी दी जाएगी।
इसके अलावा जगह-जगह मेडिकल कैंप भी लगाए जाएंगे जहां बड़े अस्पतालों के डॉक्टर लोगों की सेवाओं में उपस्थित रहेंगे ।उन्होंने कहा कि बाढ़ के बाद अक्सर बीमारी भी बढ़ जाती है सरकार का इस ओर पूरा ध्यान है। दवाओं आदि की पूरी व्यवस्था भी की गई है।
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