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    मान सरकार का 'कल्याणकारी कन्यादान': 5,751 बेटियों को ₹29.33 करोड़ का शुभ शगुन देकर दिया 'आशीर्वाद' का तोहफा

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 09:29 AM (IST)

    पंजाब सरकार ने 'आशीर्वाद योजना' के तहत 5,751 बेटियों की शादी के लिए ₹29.33 करोड़ जारी किए हैं। यह राशि अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को दी जाएगी। योजना का लाभ उठाने के लिए परिवार की वार्षिक आय ₹32,790 से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।

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    पंजाब में मान सरकार ने बेटियों की शादी के लिए 29.33 करोड़ रुपये जारी किए (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब में, जब घर में बेटी की शादी की बात आती है, तो गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए यह खुशी का पल होने के साथ-साथ एक बड़ी आर्थिक चुनौती भी बन जाती है। ऐसे ही हजारों परिवारों की चिंता को दूर करते हुए, भगवंत मान सरकार ने एक शानदार कदम उठाया है।

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    हाल ही में, सरकार ने अपनी 'आशीर्वाद योजना' के तहत 5,751 बेटियों के विवाह के लिए ₹29.33 करोड़ की भारी-भरकम राशि जारी करके, न सिर्फ उनकी खुशियों को पंख लगाए हैं, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि सरकार का असली आशीर्वाद गरीब और कमजोर वर्ग की बेटियों के साथ है।

    यह खबर सिर्फ एक सरकारी घोषणा नहीं, बल्कि उन 5,751 परिवारों के चेहरों पर आई मुस्कान की सच्ची कहानी है, जिसके पीछे सरकार का मजबूत इरादा और संवेदनशीलता झलकती है। मान सरकार ने इस बार केवल पैसा जारी नहीं किया है, बल्कि एक नई मिसाल पेश की है।

    क्या बोले CM भगवंत मान?

    मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि उनकी सरकार का लक्ष्य पंजाब को खुशहाल बनाना है, और यह तभी संभव है जब समाज का सबसे कमज़ोर वर्ग भी सम्मान से जी सके। आशीर्वाद योजना के तहत जारी किया गया यह धन, पंजाब की सामाजिक न्याय की राह पर आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति को दर्शाता है। यह एक ऐसा 'शगुन' है, जिसकी गूंज हज़ारों घरों में खुशी की शहनाई बनकर बज रही है।

    यह सिर्फ एक सरकारी आंकड़ा नहीं, बल्कि 5,751 परिवारों की आँखों से छलके खुशी के आँसुओं और राहत की लंबी साँसों की कहानी है। पंजाब की मान सरकार ने जब 'आशीर्वाद योजना' के तहत ₹29.33 करोड़ की राशि जारी की, तो मानो हजारों घरों में खुशी का त्योहार आ गया। यह उन माता-पिता के लिए एक अनमोल तोहफा था, जो अपनी बेटी की शादी के खर्च की चिंता में डूबे रहते थे।

    इस फैसले ने न केवल उनकी आर्थिक परेशानी को दूर किया, बल्कि उनके स्वाभिमान को भी एक नई उड़ान दी, जिससे वे सिर उठाकर अपनी बेटियों की शादी कर सकें। यह कदम महज एक योजना का हिस्सा नहीं, बल्कि उन बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने का एक मजबूत वादा है, जिनकी आँखें कभी अनिश्चितता के डर से भरी होती थीं।

    गरीब परिवारों के लिए सरकार का सच्चा 'शगुन'

    इस सरकारी 'आशीर्वाद' ने यह साबित कर दिया है कि एक संवेदनशील सरकार के लिए जनता का दर्द और उनकी खुशी, दोनों ही सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं। इस पहल ने एक भावनात्मक और प्रेरणादायक संदेश दिया है कि सही नियत और पारदर्शिता के साथ किया गया काम, हजारों लोगों के जीवन में कैसे सकारात्मक बदलाव ला सकता है। यह गरीब परिवार के लिए सरकार का सच्चा 'शगुन' है। मान सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अब गरीब पिता को अपनी बेटी की शादी के लिए किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े और न ही कर्ज के बोझ में दबना पड़े। यह राशि उन्हें आत्म-सम्मान के साथ अपनी बेटी को विदा करने का हौसला देती है।

     पंजाब की सामाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने जानकारी देते हुए कहा कि आशीर्वाद योजना के तहत, पंजाब सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान अनुसूचित जाति के 5,751 लाभार्थियों को शादी में सहायता के रूप में 29.33 करोड़ रुपये जारी किए हैं। अधिक जानकारी देते हुए, डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि अनुसूचित जातियों के लिए आशीर्वाद योजना के तहत, 17 जिलों - बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फिरोजपुर, फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, पटियाला, रूपनगर, एसएएस नगर, एसबीएस नगर, संगरूर और मलेरकोटला से आशीर्वाद पोर्टल के माध्यम से 5,751 लाभार्थियों के आवेदन प्राप्त हुए।

    इन सभी लाभार्थियों को कवर करने के लिए 29.33 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस आवंटन के माध्यम से बरनाला के 58, बठिंडा के 633, फरीदकोट के 67, फिरोजपुर के 349, फतेहगढ़ साहिब के 106, गुरदासपुर के 265 और होशियारपुर के 70 लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है। इसी प्रकार, जालंधर के 1,087, लुधियाना के 839, मोगा के 885, श्री मुक्तसर साहिब के 192, पटियाला के 357, रूपनगर के 147, एसएएस नगर के 65, एसबीएस नगर के 359, संगरूर के 210 और मलेरकोटला के 62 लाभार्थियों ने इसका लाभ उठाया है।

    योजना का लाभ उठाने के लिए ये हैं शर्तें

    डॉ. बलजीत कौर ने आगे बताया कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए, आवेदक पंजाब का स्थायी निवासी होना चाहिए और अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग या अन्य आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों से संबंधित होना चाहिए। परिवार की सभी स्रोतों से वार्षिक आय 32,790 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए और प्रत्येक पात्र परिवार अधिकतम दो बेटियों के लिए सहायता प्राप्त कर सकता है।

    कैबिनेट मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि वित्तीय सहायता प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है। उन्होंने दोहराया कि पंजाब सरकार समाज के सभी वर्गों के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

    डॉ. बलजीत कौर ने दोहराया कि मुख्यमंत्री मान के गतिशील नेतृत्व में, पंजाब सरकार अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के कल्याण के लिए समान रूप से प्रतिबद्ध है और राज्य भर में समावेशी विकास और सामाजिक न्याय सुनिश्चित कर रही है।

    सबसे बड़ी बात यह राशि अब बिना किसी दलाल या रिश्वत के, सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में पहुँचती है। जब एक माँ को अपने मोबाइल पर ₹51,000 जमा होने का मैसेज मिलता है, तो वह मान सरकार को दिल से आशीर्वाद देती है। पिछली सरकारों के समय जो आवेदन सालों तक धूल फाँक रहे थे, मान सरकार ने उन्हें प्राथमिकता दी है। हाल ही में करोड़ों रुपये जारी करके, हज़ारों लंबित परिवारों को राहत दी गई है।ॉ

    यह दिखाता है कि इस सरकार के लिए जनता का दर्द सिर्फ फाइल नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। यह योजना पंजाब की उस भावना को दर्शाती है, जहाँ बेटी को 'लक्ष्मी' माना जाता है। भगवंत मान सरकार ने यह साबित कर दिया है कि उनकी सरकार कमजोर वर्गों का संबल बनकर खड़ी है। 'आशीर्वाद योजना' हर उस परिवार के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो अपनी बेटी को खुशी-खुशी विदा करने का सपना देखता है। यह पहल केवल आर्थिक मदद नहीं है, यह मानवता का सबसे बड़ा प्रमाण है, जो पंजाब के लोगों के दिल में हमेशा जगह बनाए रखेगा।

    आशीर्वाद योजना' का नाम पहले 'शगुन योजना' था, लेकिन मान सरकार ने इसे सच्चा 'आशीर्वाद' बना दिया है। इस योजना के तहत, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को विवाह के लिए ₹51,000 की वित्तीय सहायता दी जाती है। यह राशि उन परिवारों के लिए बहुत बड़ी है, जिनकी वार्षिक आय बेहद कम है।

    बैंक खातों में सीधा हस्तांतरण

    सबसे बड़ी राहत यह है कि यह पैसा अब सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में (DBT के माध्यम से) भेजा जाता है। इससे बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह खत्म हो गई है, और जरूरतमंदों को उनका हक ईमानदारी से मिल रहा है। जारी की गई यह राशि एक-दो नहीं, बल्कि पंजाब के 17 जिलों की बेटियों के लिए है। यह दिखाता है कि सरकार केवल घोषणाओं में नहीं, बल्कि पूरे राज्य में समान रूप से कल्याण करने में विश्वास रखती है। मान सरकार का यह कदम केवल पैसे बांटना नहीं है।

    यह एक सामाजिक संदेश है कि गरीब परिवार की बेटी भी उतनी ही अनमोल है, जितनी किसी अमीर परिवार की। यह राशि उस पिता के दिल को सुकून देती है, जो अपनी बेटी को सम्मान के साथ विदा करना चाहता है। जब किसी गरीब परिवार को शादी से ठीक पहले यह ₹51,000 मिलते हैं, तो यह उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं होता। यह उन्हें कर्ज लेने से बचाता है, उन्हें बाजार में झुकने से रोकता है, और सबसे महत्वपूर्ण, बेटी को यह अहसास कराता है कि पूरी सरकार उसके साथ खड़ी है।

    मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में, पंजाब सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कल्याणकारी योजनाएं कागज़ों तक सीमित न रहें, बल्कि वास्तविक रूप से लोगों के जीवन में बदलाव लाएँ। ₹29.33 करोड़ का यह वितरण साबित करता है कि जनता की भलाई इस सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। सचमुच, यह 'आशीर्वाद' हजारों बेटियों के जीवन में खुशियों का रंग भर रहा है।