पंजाब में ड्रग्स तस्करी पर चौतरफा वार; पाकिस्तान सीमा पर एंटी-ड्रोन दीवार, गांवों में बनीं 'नशामुक्त समितियां'
पंजाब सरकार ने फरवरी 2025 से 'युद्ध नशियां विरुद्ध' अभियान शुरू किया है, जिसका लक्ष्य राज्य को नशामुक्त बनाना है। इस अभियान के तहत पुलिस ने 31,252 आरोपियों को गिरफ्तार किया और 1,350 किलोग्राम हेरोइन जब्त की, जो देश की कुल बरामदगी का 60% है। पंजाब की दोषसिद्धि दर 87% है। सरकार ने तस्करों की अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई की है और सीमा पर एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाए हैं। गांवों में 'नशामुक्त ग्राम रक्षा समितियां' बनाई गई हैं, जिससे 4,500 से अधिक गांव नशामुक्त घोषित हुए हैं। पुनर्वास और स्कूली पाठ्यक्रम के माध्यम से भी नशे के खिलाफ लड़ाई जारी है। मुख्यमंत्री मान ने इसे जन-आंदोलन बताया है।

युद्ध नशियां विरुद्ध अभियान, नशे के खिलाफ पंजाब की निर्णायक जंग
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य पुलिस ने फरवरी 2025 से 'युद्ध नशियां विरुद्ध' अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का लक्ष्य नशे के व्यापार को जड़ से खत्म कर पंजाब को फिर से जीवंत बनाना है। मुख्यमंत्री मान ने कहा, 'हमने पंजाब को नशामुक्त बनाने का संकल्प लिया है, और जनता के सहयोग से कोई ताकत हमें रोक नहीं सकती।'
इस अभियान के तहत पंजाब पुलिस ने अब तक 20,469 एफआईआर दर्ज कर 31,252 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि 1,350 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई, जो देशभर की कुल बरामदगी का लगभग 60 प्रतिशत है। डीजीपी गौरव यादव के अनुसार, पंजाब की 87% दोषसिद्धि दर देश में सबसे ऊंची है।
सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उनकी अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया है। 553 किलोमीटर लंबी पंजाब-पाकिस्तान सीमा पर एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किए गए हैं ताकि पाकिस्तान से नशा तस्करी के प्रयासों को रोका जा सके।
गांव-गांव में ‘नशामुक्त ग्राम रक्षा समितियां’ बनाई गई हैं जो पुलिस के साथ मिलकर नशे के खिलाफ काम कर रही हैं। अब तक 4,500 से अधिक गांव खुद को नशामुक्त घोषित कर चुके हैं। नवांशहर जिले का लंगड़ोया गांव इस दिशा में मिसाल बना है। गांव के सरपंच गुरदेव सिंह कहते हैं, “पहले हमारा गांव नशे के लिए बदनाम था, अब हर घर खुशहाल है। युवाओं ने नई राह पकड़ ली है।”
नशे से पीड़ित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार ने डी-एडिक्शन सेंटरों को मज़बूत किया है और स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक नशा विरोधी पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। लुधियाना निवासी अमनजोत कौर (बदला हुआ नाम) नशा पति व बच्चों को खा गया। वह काल के ग्रास बन गए। पति से मुझे भी नशे की लत लगी, लेकिन सरकार के प्रयासों से अब नशामुक्त जीवन जी रही हूं। अतीत तो वापस नहीं आ सकता है, लेकिन अब एक नई जिंदगी शुरू हो सकती है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि “युद्ध नशियां विरुद्ध” केवल एक अभियान नहीं, बल्कि जन-आंदोलन है। पंजाब की आने वाली पीढ़ी को नशे से बचाने का संकल्प है।
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