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    बाढ़ और फसल रोग से पंजाब में धान खरीद को तगड़ा झटका, 127 लाख टन हुई आमद; 174 का लक्ष्य दूर

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 08:35 PM (IST)

    पंजाब में धान की कटाई अंतिम चरण में है, लेकिन सरकारी खरीद लक्ष्य से पीछे रहने की आशंका है। अब तक 127 लाख टन धान की आमद हुई है, जबकि लक्ष्य 174 लाख टन का है। बाढ़ और रोगों के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है। बचे हुए क्षेत्रों में फसल ठीक रही तो 145-150 लाख टन तक आमद हो सकती है। सरकार किसानों को समय पर भुगतान कर रही है।

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    धान की कटाई अंतिम चरण में, 127 लाख टन हुई आमद, लक्ष्य से पीछे रह सकती है खरीद (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब में धान की कटाई अंतिम चरण में पहुंच चुकी है, लेकिन इस बार सरकारी खरीद निर्धारित लक्ष्य से पीछे रह सकती है। राज्य सरकार ने इस वर्ष 174 लाख टन धान की खरीद का लक्ष्य तय किया था, जबकि अब तक राज्य की मंडियों में करीब 127 लाख टन धान ही पहुंचा है।

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    कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में अब लगभग 15 प्रतिशत क्षेत्र में ही कटाई बाकी है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि कुल आमद लक्ष्य से काफी कम रह सकती है।

    जानकारों का कहना है कि इस वर्ष धान उत्पादन पर बाढ़ और हल्दी रोग (शेथ ब्लाइट) का खासा असर पड़ा है। जुलाई-अगस्त में आई बाढ़ ने निचले इलाकों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया, जबकि शेष इलाकों में फसल रोग के कारण पैदावार प्रभावित हुई।

    कई जिलों में औसतन उपज प्रति एकड़ में गिरावट दर्ज की गई है। पंजाब मंडी बोर्ड के अनुसार, अब तक सर्वाधिक धान आमद फरीदकोट, मोगा, बठिंडा, संगरूर और लुधियाना की मंडियों में दर्ज की गई है।

    वहीं, तरनतारन, गुरदासपुर और फिरोजपुर जैसे जिलों में बाढ़ की मार के चलते आमद अपेक्षाकृत कम रही। राज्य की खरीद एजेंसियों पंजाब स्टेट वेयरहाउसिंग कारपोरेशन, मार्कफेड, पनग्रेन और एफसीआइ ने अब तक आई हुई लगभग पूरी फसल की खरीद सुनिश्चित की है।

    किसानों को भुगतान भी समय पर दिया जा रहा है, लेकिन उत्पादन में गिरावट के चलते केंद्र के पास भेजे जाने वाले चावल की मात्रा पर असर पड़ सकता है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मौसम सामान्य रहा और बचे हुए क्षेत्रों में फसल ठीक रही तो कुल आमद करीब 145 से 150 लाख टन तक पहुंच सकती है, जो लक्ष्य से करीब 25 लाख टन कम होगी।

    विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया है कि राज्य को आगामी सीजन में रोग-प्रतिरोधी किस्मों को बढ़ावा देने और जलभराव वाले क्षेत्रों में फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

    इस प्रकार, पंजाब में इस बार की धान खरीद चुनौतीपूर्ण स्थिति में है। बाढ़ और रोगों के प्रभाव के बावजूद सरकार और एजेंसियां यह सुनिश्चित करने में जुटी हैं कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर मिल सके।