चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में फिर महाप्रदर्शन की आहट, 18 को बैठक में बनेगी रणनीति, परीक्षाओं के बहिष्कार की चेतावनी
पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट चुनाव की घोषणा को लेकर तनाव बढ़ रहा है। छात्र, किसान और मजदूर संगठनों ने 18 नवंबर को बैठक बुलाई है, जिसमें प्रदर्शन की रणनीति तय की जाएगी। 10 नवंबर को हुए प्रदर्शन में पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोकने में विफल रही थी। छात्र 18 नवंबर तक चुनाव शेड्यूल जारी न होने पर परीक्षाओं का बहिष्कार करने की चेतावनी दे रहे हैं।

पीयू बचाओ मोर्चा पिछले 15 दिनों से कुलपति कार्यालय के बाहर धरना दे रहा है।
- प्रदर्शन के दौरान एसएसपी और आइजी के सामने गेट तोड़ अंदर घुसे थे प्रदर्शनकारी
- छात्र बोले -चुनाव शेड्यूल न हुआ तो परीक्षा बहिष्कार तय
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) में सीनेट चुनाव की घोषणा को लेकर एक बार फिर हालात गरमाने लगे हैं। पीयू में छात्र, किसान और मजदूर संगठनों ने 18 नवंबर को एक बैठक बुलाई है। बैठक में यह तय किया जाएगा कि 10 नवंबर को हुए बड़े प्रदर्शन की तरह फिर से महाप्रदर्शन किया जाए या नहीं।
अगर पीयू प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो पीयू में फिर 10 नवंबर जैसा माहौल बन सकता है। उस दिन सीनेट चुनाव की अधिसूचना की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा से करीब आठ हजार लोग पीयू पहुंचे थे। इस दौरान पुलिस बल प्रदर्शनकारियों को रोकने में पूरी तरह असफल रही थी।
एसएसपी कंवरदीप कौर और आइजी पुष्पेंद्र कुमार के सामने गेट नंबर एक तोड़ प्रदर्शनकारी अंदर घुस गए थे। जिससे काफी हंगामा हुआ था। अब फिर ऐसा होनी स्थिति जताई जा रही है। सीनेट चुनाव की तारीख घोषित करने की मांग को लेकर पीयू बचाओ मोर्चा पिछले 15 दिनों से कुलपति कार्यालय के बाहर धरना दे रहा है।
चुनाव का शेड्यूल तैयार
प्रशासन का कहना है कि चुनाव का शेड्यूल बनाकर चांसलर के पास भेज दिया गया है, लेकिन अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। छात्रों ने साफ कहा है कि अगर 18 नवंबर से पहले चुनावों का लिखित शेड्यूल जारी नहीं होता तो वे सेमेस्टर परीक्षाओं का बहिष्कार करेंगे। उनका कहना है कि सीनेट चुनाव विश्वविद्यालय की पारदर्शी व्यवस्था के लिए जरूरी हैं और प्रशासन की चुप्पी से माहौल और बिगड़ सकता है।

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