पंजाब विश्वविद्यालय में सीनेट चुनावों की मांग को लेकर छात्रों का आंदोलन गरमाया, लाठीचार्ज में कई घायल
Chandigarh News पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र सीनेट चुनावों की मांग को लेकर 24 दिनों से धरने पर बैठे हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान के दौरे के दौरान उन्हें मिलने से रोक दिया गया और छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया। इस घटना से छात्रों में आक्रोश है और उन्होंने सरकार के खिलाफ और भी बड़े प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब विश्वविद्यालय में पिछले 24 दिनों से सीनेट चुनावों की मांग कर रहे छात्रों का आंदोलन उस समय गरमा गया जब मुख्यमंत्री भगवंत मान के दौरे के दौरान उन्हें मिलने से रोक दिया गया।
दरअसल, छात्रों की योजना थी कि वे मुख्यमंत्री को अपनी मांगों और विश्वविद्यालय में सीनेट चुनावों की जरूरत के बारे में अवगत कराएं, लेकिन जब उन्होंने इस कोशिश में आगे बढ़ना चाहा, तो सुरक्षाबलों ने उन पर लाठीचार्ज कर दी। इस दौरान कई छात्रों को चोटें भी आईं और विश्वविद्यालय में तनाव का माहौल बन गया।
सीनेट चुनाव की मांग और 24 दिनों का धरना
पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र लंबे समय से सीनेट चुनाव की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सीनेट का कार्यकाल खत्म हो चुका है और चुनाव न होने के कारण छात्र समुदाय की आवाज और प्रतिनिधित्व में कमी आई है।
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छात्रों ने यह भी आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन और सरकार जानबूझकर चुनावों में देरी कर रही है ताकि वे मनमानी कर सकें और छात्रों की आवाज़ को अनदेखा कर सकें। पिछले 24 दिनों से छात्र पंजाब यूनिवर्सिटी के कैंपस में धरने पर बैठे हैं, लेकिन अब तक उनकी मांगों पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है।
भगवंत मान से मिलने की कोशिश और लाठीचार्ज
मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान एक कार्यक्रम के सिलसिले में पंजाब यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। छात्रों को उम्मीद थी कि वे अपनी बात मुख्यमंत्री के सामने रख सकेंगे, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया।
इस दौरान छात्र जब मुख्यमंत्री से मिलने की ओर बढ़े तो सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बलपूर्वक पीछे धकेलने की कोशिश की। छात्रों का आरोप है कि उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बावजूद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कुछ छात्रों को चोटें आई हैं।
मुख्यमंत्री का मौन और मीडिया से बातचीत
जब मुख्यमंत्री भगवंत मान कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे, तो उनसे बार-बार सीनेट चुनाव के मुद्दे पर सवाल किए गए। लेकिन उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।
भगवंत मान का यह रवैया छात्रों के गुस्से को और भड़काने का कारण बना। छात्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री का इस तरह से मौन साध लेना और छात्रों की मांगों को नजरअंदाज करना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
छात्रों का आक्रोश और भविष्य की रणनीति
लाठीचार्ज के बाद छात्रों में आक्रोश और बढ़ गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री के रवैये की कड़ी निंदा की है और सरकार के खिलाफ और भी बड़े प्रदर्शन की चेतावनी दी है। छात्रों ने कहा कि वे अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे और जब तक सीनेट चुनाव की घोषणा नहीं होती, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
छात्र संघ की ओर से कहा गया कि वे अब अपने आंदोलन को और भी व्यापक स्तर पर ले जाएंगे और राज्यभर के छात्रों को इस मुद्दे पर जोड़ेंगे। वहीं, यूनिवर्सिटी के कुछ शिक्षक संगठनों ने भी छात्रों के इस आंदोलन का समर्थन किया है और प्रशासन से जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग की है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन की प्रतिक्रिया
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों के प्रदर्शन और लाठीचार्ज की घटना पर बयान जारी करते हुए कहा कि वे छात्रों की मांगों के प्रति संवेदनशील हैं और उनकी चिंताओं को जल्द सुलझाने का प्रयास किया जाएगा। हालांकि, प्रशासन ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा के कारण छात्रों को उनसे मिलने नहीं दिया गया।

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