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    पंजाब में कामकाजी महिलाओं के लिए 150 करोड़ रुपये की लागत से बनेंगे 5 नए हॉस्टल

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 04:08 PM (IST)

    पंजाब सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए 150 करोड़ रुपये की लागत से पांच नए हॉस्टल बनाने का ऐलान किया है। ये हॉस्टल मोहाली, अमृतसर और जालंधर में बनेंगे। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हर महिला को सुरक्षित आवास का अधिकार है। इन हॉस्टलों में आधुनिक सुविधाएं होंगी और 150-200 महिलाओं के रहने की व्यवस्था होगी। सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई कदम उठाए हैं।

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    मान सरकार का महिला सशक्तिकरण को बड़ा तोहफा

    डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब की मान सरकार ने प्रदेश की कामकाजी महिलाओं को बड़ी राहत देते हुए एक महत्वाकांक्षी योजना का ऐलान किया है। सरकार 150 करोड़ रुपये की लागत से पांच नए वर्किंग वुमेन हॉस्टल बनाएगी, जिनमें से तीन मोहाली में, एक अमृतसर में और एक जालंधर में स्थापित किए जाएंगे। यह कदम उन हज़ारों युवा महिलाओं के लिए वरदान साबित होगा, जो बेहतर करियर की तलाश में अपने घरों से दूर शहरों में काम करती है।

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    मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस परियोजना को मंज़ूरी देते हुए कहा कि हर महिला को सुरक्षित और सस्ती रिहाइश का अधिकार है। “हमारी बेटियां और बहनें अपने सपने पूरे करने के लिए शहरों में आती है, लेकिन महंगे किराये और असुरक्षित माहौल उनकी सबसे बड़ी चुनौती है। ये हॉस्टल न सिर्फ उन्हें सुरक्षा देंगे, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी मज़बूत करेंगे,” उन्होंने कहा।

    पंजाब में महिला हॉस्टलों की दिशा में यह पहला कदम नहीं है। वर्ष 2019 में पूर्व सरकार ने लुधियाना और पटियाला में दो वर्किंग वुमेन हॉस्टल की शुरुआत की थी, जिसमें करीब 35 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। इन हॉस्टलों में 200 से अधिक महिलाओं को रहने की सुविधा मिली, जिससे उन्हें अपने खर्च में 40-50 प्रतिशत तक की बचत हुई। इन हॉस्टलों में रह रही 28 वर्षीय नेहा शर्मा, जो एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है, बताती है, “पहले मुझे किराये में 8000 रुपये देने पड़ते थे, अब यहां 3500 रुपये में सारी सुविधाएं मिल जाती है।”

    मान सरकार का यह कदम उस समय आया है जब पंजाब की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी तेज़ी से बढ़ रही है। राज्य के IT हब मोहाली, व्यापारिक केंद्र अमृतसर और औद्योगिक शहर जालंधर में हर साल हजारों महिलाएं रोज़गार की तलाश में आती हैं। लेकिन सुरक्षित और किफायती आवास की कमी के कारण कई प्रतिभाशाली महिलाएं अपने करियर से समझौता करने को मजबूर हो जाती है।

    नए हॉस्टलों में आधुनिक सुविधाओं का खास ख्याल रखा जाएगा। इनमें 24 घंटे सुरक्षा व्यवस्था, CCTV कैमरे, वाई-फाई, जिम, लाइब्रेरी, कॉमन रूम और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध होंगी। हर हॉस्टल में 150 से 200 महिलाओं के रहने की व्यवस्था होगी, जिससे करीब 800-1000 महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

    समाज कल्याण विभाग की अधिकारी डॉ. सिमरनजीत कौर बताती है कि पुराने हॉस्टलों के अनुभव से सीखते हुए इस बार और बेहतर योजना बनाई गई है। “हमने महिलाओं की फीडबैक ली और उनकी जरूरतों को समझा। नए हॉस्टलों में कार्य स्थल के नजदीक होना, सार्वजनिक परिवहन की सुविधा और किफायती दरें प्राथमिकता में रखी गई हैं,” उन्होंने बताया।

    विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना पंजाब की अर्थव्यवस्था को भी गति देगी। जब महिलाएं बिना किसी चिंता के काम कर पाएंगी, तो उनकी उत्पादकता बढ़ेगी और राज्य की आर्थिक विकास दर में इजाफा होगा। पंजाब यूनिवर्सिटी की अर्थशास्त्री प्रो. मनदीप कौर कहती है, “महिला श्रम बल की भागीदारी बढ़ाना आर्थिक विकास की कुंजी है। ऐसी योजनाएं सकारात्मक संदेश देती है।”

    मान सरकार ने पिछले दो सालों में महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई ठोस कदम उठाए है। ‘माई भागो इस्त्री शक्ति शेमे’ के तहत बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा, ‘आशा वर्कर्स’ के वेतन में वृद्धि, और महिला उद्यमियों के लिए विशेष लोन योजना इसके उदाहरण है। नए हॉस्टल इसी श्रृंखला की एक और महत्वपूर्ण कड़ी है, जो दर्शाते है कि सरकार केवल घोषणाओं में नहीं, बल्कि ज़मीनी काम में विश्वास करती है।

    अगले दो वर्षों में इन हॉस्टलों का निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है। इससे न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि समाज में लैंगिक समानता की दिशा में भी एक सकारात्मक संदेश जाएगा। जब एक महिला आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होती है, तो पूरा परिवार और समाज मज़बूत होता है। पंजाब सरकार का यह निर्णय उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम है।