मोहाली में हिन्दी और अंग्रजी ही नहीं पंजाबी भाषा में भी साइनबोर्ड, किसान यूनियन की मांग रंग लाई
मोहाली में भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत बन रही सड़क पर लगे साइनबोर्डों पर अब पंजाबी भाषा भी लिखी जा रही है। पहले केवल हिंदी और अंग्रेजी का प्रयोग हो रहा था जिस पर भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) ने आपत्ति जताई थी। किसानों ने इसे पंजाब की अस्मिता का अपमान बताया था। किसान यूनियन के संघर्ष के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पंजाबी में भी बोर्ड लगवाने शुरू कर दिए हैं।

जागरण संवाददाता, मोहाली। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत आईटी सिटी से कुराली तक बन रही नई सड़क पर लगाए जा रहे साइनबोर्ड अब पंजाबी भाषा में भी लिखे जा रहे हैं। पहले इन बोर्डों पर केवल हिंदी और अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिससे पंजाबी भाषा को दरकिनार करने पर आपत्ति जताई गई थी।
भारतीय किसान यूनियन (लखोवाल) ने इस मुद्दे पर संघर्ष किया और कुछ दिन पहले एसडीएम मोहाली के माध्यम से डिप्टी कमिश्नर मोहाली को ज्ञापन सौंपा था। इसमें मांग की गई थी कि पंजाब की जमीन पर बन रही इस राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के साइनबोर्डों पर पंजाबी भाषा को भी शामिल किया जाए।
किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब की धरती पर बनने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंजाबी भाषा का न होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था। उन्होंने इसे पंजाब की अस्मिता और भाषा के अपमान के बराबर बताया।बीकेयू लखोवाल के संघर्ष का परिणाम अब सामने आया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने भारतमाला प्रोजेक्ट 205-ए पर पंजाबी भाषा में भी बोर्ड लगवाने शुरू कर दिए हैं। इस पर किसान नेताओं दविंदर सिंह देहकला, नछत्तर सिंह बैदवान, जसपाल सिंह नयामियां, दर्शन सिंह दुराली, गुरमीत सिंह खुनीमाजरा, रणबीर सिंह गरेवाल, जसपाल सिंह लाडरां, कुलवंत सिंह चिल्ला और जसवंत सिंह मानकमाजरा सहित अन्य किसानों ने एसडीएम मोहाली और डिप्टी कमिश्नर मोहाली का धन्यवाद किया, जिनके निर्देश पर यह मसला हल हुआ।
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