धोखाधड़ी मामले में चंडीगढ़ यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को राहत, अच्छे आचरण पर तीन साल की सजा से बचे
चंडीगढ़ यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विजयपाल उर्फ डिंपी को नौ साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में जिला अदालत से राहत मिली है। निचली अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी जिसके खिलाफ उन्होंने अपील की थी। सेशंस कोर्ट ने उन्हें अच्छे आचरण की शर्त पर रिहा कर दिया और दो साल तक अच्छा व्यवहार रखने का आदेश दिया। डिंपी पर धोखे से पासपोर्ट बनवाने का आरोप था।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। नौ साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में जिला अदालत ने चंडीगढ़ यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष विजयपाल सिंह उर्फ डिंपी उर्फ को बड़ी राहत दी है। डिंपी को अदालत ने अच्छे आचरण की शर्त पर छोड़ दिया है। हालांकि डिंपी को 24 अप्रैल 2025 काे निचली अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी।
सजा के फैसले को डिंपी ने सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी। महज चार महीने में ही सेशंस कोर्ट ने अपील का निपटारा कर दिया। सेशंस कोर्ट ने डिंपी को सजा देने के बजाय उन्हें दो साल तक अच्छा आचरण व व्यवहार रखने के लिए कहा है।
डिंपी के खिलाफ वर्ष 2016 में सेक्टर-31 थाना पुलिस ने आइपीसी की धारा 420 और पासपोर्ट एक्ट 1967 की धारा 12 के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस ने तत्कालीन ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट जसप्रीत सिंह के आदेश पर यह एफआइआर दर्ज की थी।
डिंपी पर आरोप थे कि उन्होंने धोखे से नया पासपोर्ट बनवाने के लिए अप्लाई किया। उन्होंने पासपोर्ट आफिस को अपने लंबित आपराधिक मामले के बारे में जानकारी नहीं दी थी जबकि उन पर धोखाधड़ी का एक मामला उस वक्त चल रहा था।जब ये जानकारी जिला अदालत के संज्ञान में आई तो जज ने डिंपी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
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