तरनतारन उपचुनाव: 'प्रत्याशी का पुलिस कर्मी कर रहे हैं पीछा', अकाली दल ने आयोग को दर्ज करवाई शिकायत
शिरोमणि अकाली दल ने तरनतारन उपचुनाव में पंजाब पुलिस पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया है। शिअद का कहना है कि पुलिसकर्मी अकाली उम्मीदवार की बेटी का पीछा कर रहे थे और जब उन्हें रोका गया तो उन्होंने खुद को पुलिस अधिकारी बताया, लेकिन कोई आधिकारिक अनुमति नहीं दिखा पाए। शिअद ने चुनाव आयोग से जांच और संबंधित अधिकारियों के निलंबन की मांग की है।

सुखबीर सिंह बादल (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। तरनतारन विधान सभा क्षेत्र में हो रहे उप चुनाव को लेकर शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए है। शिअद लीगल सेल के अध्यक्ष अर्शदीप कलेर ने चुनाव आयोग को की शिकायत में कहा हैं कि कुछ अज्ञान पुलिसकर्मी पार्टी उम्मीदवार की बेटी कंचनप्रीत कौर का पीछा कर रहे हैं।
जोकि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन शामिल है। पार्टी ने कहा कि दो अज्ञान व्यक्ति अकाली उम्मीदवार सुखविंदर कौर रंधावा की बेटी कंचनप्रीत का पीछा कर रहे थे। उन्होने कहा कि जब आम जनता ने इन लोगों को रोका तो उन्होंने खुद को रिपुतपन सिंह, पीपीएस, पुलिस अधीक्षक (इंवेस्टिगेशन), तरनतारन और प्रभजीत सिंह,48 एएसआर, इंचार्ज, सीआईए तरनतारन द्वारा नियुक्त पुलिस अधिकारी होने का दावा किया है।
उन्होने कहा कि ये लोग अपने कर्तव्य के लिए कोई लिखित आदेश या आधिकारिक अनुमति नहीं दिखा पाए। यह भी पाया गया कि वे जिस वाहन का इस्तेमाल कर रहे थे, वह एक निजी कार थी , जिसपर नकली नंबर प्लेट लगी हुई थी, जिसके कारण उनके इरादे साफ जाहिर होते हैं और गंभीर चिंता का विषय है। महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनो व्यक्ति वर्दी में नहीं थे, जिससे उनकी आधिकारिक क्षमता पर संदेह पैदा होता है।
उन्होंने कहा कि पूरी घटना का वीडियो घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बनाई है। उन्होंने कहा कि स्पष्ट तौर पर यह मामला अकाली उम्मीदवार और उनके पारिवारिक सदस्यों को डराने-धमकाने का मामला है जो सरकारी मशीनरी के इशारे पर किया गया है।
एडवोकेट कलेर ने कहा कि ऐसे में चुनाव आयोग को इस घटना की तत्काल जांच का आदेश देना चाहिए, जिसमें संबंधित पुलिस अधिकारियों की भूमिका भी शामिल हो, जांच के परिणाम आने तक उपरोक्त नामित अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए और उम्मीदवार और उनके परिवार को आगे किसी भी तरह के उत्पीड़न यां धमकी को रोकने के लिए सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान पुलिस कर्मियों को सादे कपड़ों, नकली नंबर प्लेट वाले निजी वाहनों का उपयोग करते हुए और बिना लिखित अनुमति के कैसे तैनात किया जा सकता है।

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