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    चंडीगढ़ में बच्ची से छेड़छाड़ के दोषी को तीन साल की सजा, जज ने कहा- दुष्ट प्रवृत्ति वालों को सबक सिखाना जरूरी

    By Ravi Atwal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Fri, 12 Sep 2025 07:35 PM (IST)

    चंडीगढ़ की जिला अदालत ने 8 साल की बच्ची से छेड़छाड़ के दोषी को 3 साल की कैद की सजा सुनाई है। दोषी ने रहम की गुहार लगाई। जज ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा जरूरी है और ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाना आवश्यक है। अदालत ने 21 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। बच्ची की मां ने पड़ोसी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

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    जज ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और उनकी सुरक्षा भी जरूरी है।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। आठ साल की बच्ची से छेड़छाड़ के दोषी को जिला अदालत ने तीन साल कैद की सजा सुनाई है। दोषी 35 वर्षीय मनोज ने जज से सजा में रहम की मांग की। उसने कहा कि उसकी आठ साल की बेटी है जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी उसी पर है। उसकी दलीलों को जज ने नहीं माना और कहा कि सजा तो मिलेगी। इसके साथ ही आईपीसी की धारा 363, 366, 506 और पाॅक्सो एक्ट की धारा 8 व 12 के तहत दोषी करार देते हुए सजा सुना दी।

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    अपने फैसले में जज ने कहा कि समाज के किसी भी वर्ग के बच्चे देश का भविष्य हैं और उन्हें न केवल संवारना और पोषित करना आवश्यक है, बल्कि उनकी सुरक्षा भी जरूरी है। जब बच्चों पर यौन हमला होता है तो इससे न केवल पीड़ित बच्चे के मन में, बल्कि उसके आसपास के बच्चों में भी भय और आघात उत्पन्न होता है। अब समय आ गया है कि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए ताकि दुष्ट और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को सबक मिले। ऐसे अपराधी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अदालत ने 21 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया।

    बच्ची ने मां को बताई थी पड़ोसी की हरकत

    इस मामले में पुलिस को बच्ची की मां ने शिकायत दी थी। उसने शिकायत में बताया था कि दो दिसंबर 2023 को वह काम पर गई थी और उसके पति भी घर पर नहीं थे। बच्चे घर पर अकेले थे। शाम को जब वह घर आई तो उसकी आठ साल की बच्ची रो रही थी। उसने जब रोने का कारण पूछा तो उसने पड़ोसी की हरकत के बारे में बता दिया।

    बच्ची ने बताया कि पड़ोस में रहने वाले अंकल ने उसे अपने घर बुलाया और वहां उसके साथ गलत हरकत की। ऐसे में बच्ची की मां ने पड़ोसी के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने पड़ोसी मनोज को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। करीब दो साल तक चले मुकदमे के बाद अदालत ने फैसला सुनाया है।