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    चंडीगढ़ में मिट्टी के दीये बांट दिया स्वदेशी दीवाली का संदेश, गरीबों के घर भी होंगे रोशन

    By Ankesh KumarEdited By:
    Updated: Thu, 12 Nov 2020 05:41 PM (IST)

    रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन-38 वेस्ट के सदस्यों ने इस बार स्वदेशी दीवाली मनाने के उद्देश्य से लोगों को मिट्टी से बने दीये बांटे। धनतेरस के दिन शुक्रवार को भी लोगों को एसोसिएशन के सदस्यों की तरफ से दीये बांटे जाएंगे।

    कर्मचारियों को सम्मानित करते रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य।

    चंडीगढ़, जेएनएन। देशभर में इस बार स्वदेशी दीवाली मनाने को लेकर क्रेज है। इस कड़ी में वीरवार को अपर रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन-38 वेस्ट की प्रधान नेहा अरोड़ा ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया। स्वदेशी दीवाली संदेश के तहत सेक्टर-38 वेस्ट के घरों में मिट्टी के दीये बांटे गए।

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    नेहा ने कहा कि दीवाली का असली मतलब ही दीपों का त्योहार होता है। यह परंपरा कहीं न कहीं खो रही थी। लेकिन इस वर्ष उनकी एसोसिएशन ने स्वदेशी दीवाली को ध्यान में रखते हुए मिट्टी के दीये बांटे। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को धनतेरस के अवसर पर गरीब लोगों को भी मिट्टी के दीये बांटे जाएंगे, जिससे उनके घर भी रोशन हो सके। इसके साथ ही बुजुर्गों की सेहत को ध्यान में रखते हुए लोगों को पटाखों से दूरी बनाने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।

    कर्मचारियों को किया सम्मानित

    इस दौरान आरडब्ल्यूए के सदस्यों ने ग्रीन बेल्ट में काम कर रहे माली प्रकाश को सम्मानित भी किया। लॉकडाउन के दौरान प्रकाश ने ग्रीन बेल्ट का अच्छे से ध्यान रखा था और उनकी मेहनत की वजह से ही यहां की ग्रीन बेल्ट शानदार दिखती है। इसके अलावा शुक्रवार को सोसायटी के चौकीदार, सफाई कर्मचारियों को भी सम्मानित किया जाएगा।

    स्वदेशी सामान को दें प्रमुखता

    नेहा ने कहा कि लोगों को इस दीवाली देश में बनी वस्तुओं की खरीदारी करनी चाहिए। ताकि आने वाले समय में देश का उद्योग उन्नति कर सके। देश में बने सामान को तभी प्रोत्साहन मिलेगा जब देश के नागरिक उस सामान को खरीदेंगे।

    एक हजार दीये खरीदे

    दीवाली से पहले आरडब्ल्यूए के सदस्यों ने मलोया स्थित कुमार कॉलोनी से करीब एक हजार खरीदे। जानकारी देते हुए आरडब्ल्यूए के सदस्य सोमपाल बंसल ने बताया कि अभी फिलहाल उन्होंने एक हजार दिए खरीदे हैं। उनका लक्ष्य है कि दीवाली तक करीब 2500 दीये खरीदे जाएं और गरीबों में बांटे जाएं।