चंडीगढ़ में अफसरों के घरों के सामने चमचमाती सड़कें, बाकी शहर में गड्ढे देख उठने लगे सवाल
चंडीगढ़ की सड़कें जर्जर हालत में हैं जिससे शहर की छवि खराब हो रही है। प्रशासन का ध्यान केवल वीवीआईपी क्षेत्रों की सड़कों पर है जबकि आम जनता गड्ढों में सफर करने को मजबूर है। राजभवन और अधिकारियों के घरों के सामने की सड़कें चमचमाती हैं जबकि अन्य क्षेत्रों की अनदेखी की जा रही है। प्रशासक ने अधिकारियों को फटकार लगाई है और सड़कों की मरम्मत के निर्देश दिए हैं।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। देश के सबसे खूबसूरत शहरों में शुमार सिटी ब्यूटीफुल पर शहर की सड़कों ने इस बार दाग लगा रखा है। शहर की सड़कों की हालत देखने पर लगता ही नहीं कि यह चंडीगढ़ शहर है। कभी चंडीगढ़ की सड़कों के दूसरे राज्यों में चर्चे हुआ करते थे। अब हालात बिल्कुल बदल गए हैं। यह प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही पेश करती है। यूटी प्रशासक गुलाब चंद कटारिया भी शहर की सड़कों की हालत पर अधिकारियों को कड़ी फटकार लगा चुके हैं और सर्दी से पहले सभी सड़कों की रिपेयर और नई बनाने के इंजीनियरिंग विभाग को निर्देश दे चुके हैं।
पहली बार शहर में सड़कों की ऐसी खस्ता हालत देखने को मिल रही है। लेकिन प्रशासन के अधिकारियों की शायद आंखें बंद हैं। एसी दफ्तरों और गाड़ी में बैठकर उन्हें आम जनता की परेशानी नहीं दिखती।
इंजीनियरिंग विभाग का फोकस शहर की सड़कों पर कम सिर्फ कुछ वीवीआईपी एरिया की सड़कों को चमकाने पर ही लगा हुआ है। पंजाब और हरियाणा राजभवन के सामने की सड़क हमेशा ही चमचमाती हैं, मानों किसी विदेश में आ गए हों। उधर इन सड़कों में चंद दरारें आते ही रातों रात नए सिरे से सड़क बना दी जाती है।
सेक्टर-7 वीवीआईपी अफसरों और मंत्रियों का एरिया है, ऐसे में इंजीनियरिंग विभाग अधिकतर यहीं पर सड़कें बनाने में व्यस्त रहता है। उधर यूटी के चीफ सेक्रेटरी राजीव वर्मा से लेकर चीफ इंजीनियर की कोठी और प्रशासन के अन्य अधिकारियों की सरकारी कोठियों के बाहर एक भी गड्ढा दिखाई नहीं देगा।
सेक्टर-16 में भी यूटी प्रशासन के अधिकारियों की कोठियों के आगे सड़के एकदम चमचमाती हैं। मध्यमार्ग से लेकर दूसरी सड़कों पर गड्डे शहर की असल हालत को बयां कर देंगे। सेक्टर-18,19, 27,28,29 से लेकर शहर के अधिकतर हिस्से में सड़कों के हालात ठीक नहीं है।
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