Faridkot News: 22 घंटे बाद मिली नहर में गिरी कार, सेना के जवान और पत्नी की मौत
फरीदकोट में एक दुखद घटना में गांव फिड्डे कलां के पास नहर में कार गिरने से सेना के जवान और उनकी पत्नी की मौत हो गई। एनडीआरएफ की टीम ने 22 घंटे बाद कार को बरामद किया। दंपत्ति फरीदकोट से लौट रहे थे तभी यह हादसा हुआ। इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर है और ग्रामीणों ने नहर के किनारे सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।

प्रदीप गर्ग, फरीदकोट। गत देर शाम गांव फिड्डे कलां से अपनी पत्नी सहित कार में वापिस लौट रहे सेना के जवान की कार नहर में गिरने के कारण पति-पत्नी की मौत हो गई। एनडीआरएफ की टीमों द्वारा उनकी कार को लगभग 22 घंटों के पश्चात निकाला जा सका। दोनों पति-पत्नी कार में ही मृत अवस्था में पाए गए। इस खबर से उनके गांव साधांवाला सहित क्षेत्र में शोक की लहर है।
उल्लेखनीय है कि गांव साधांवाला निवासी सेना का जवान बलजीत सिंह इन दिनों छुट्टियों पर घर आया हुआ था। गत दिवस वह अपनी पत्नी मनदीप कौर सहित अपनी कार में फरीदकोट में खरीददारी करने आए थे। उसके पश्चात शाम को वापिस लौटते समय वे गांव फिड्डे कलां में अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए चले गए। जहां अपने रिश्तेदारों को मिलने के पश्चात वे देर शाम अपने घर की ओर रवाना हुए।
परंतु रास्ते में उनकी कार सरहिंदर नहर में गिर गई। जिसका पता चलते ही वहां नजदीक उपस्थित लोगों के शोर मचाने पर आस-पास के गांव के लोग इकट्ठा होकर मौके पर पहुंचे। लेकिन तब तक पानी के तेज बहाव के कारण कार नहर में डूब चुकी थी और कार में सवार दंपत्ति लापता हो चुके थे।
सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। लेकिन कार के संबंध में कोई जानकारी न मिलने पर एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। जिसके पश्चात उनके द्वारा रात में ही करीब तीन घंटे कार की तलाश की, लेकिन कार नहीं मिली। जिसके पश्चात रविवार सुबह से ही टीमों द्वारा उनकी तलाश शुरू कर दी गई। लेकिन उनका कार लगभग 22 घंटे के पश्चात मिली।
जब कार को नहर से बाहर निकाला गया तो दोनों पति-पत्नी कार में ही मृत मिले। गौरतलब है कि उनका एक पांच वर्षीय बेटा है। जिसे वे घर पर अपनी मां के पास छोड़ कर आए थे। बलजीत कौर की छुट्टी खत्म होने वाली थी और उसे दो दिन वापिस ड्यूटी पर लौटना था परंतु उससे पहले ही यह हादसा हो गया।
इस मौके पर सरपंच अमृतपाल सिंह ने कहा कि नहर के किनारे सड़क की हालत बहुत खराब है। जबकि दूसरी तरफ नहर को कॉन्क्रीट से पक्का करने के बाद ठेकेदार ने उसकी बुर्जी नहीं बनाई, जिस कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने मांग रखी कि नहर के किनारे चार से पांच फुट ऊंची फेसिंग बनाई जाए ताकि इस तरह के हादसे न हों।
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