परिवहन विभाग के कर्मचारियों ने की हड़ताल, बंद रही PRTC डिपो की सभी बसें; 20 लाख का नुकसान
फरीदकोट में रोडवेज पनबस और पीआरटीसी के अस्थायी कर्मचारियों की हड़ताल से पीआरटीसी डिपो को भारी नुकसान हुआ है। हड़ताल के कारण डिपो की 108 बसें नहीं चलीं जिससे लगभग 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ। कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई जिसमें स्थायी नौकरी और पुरानी पेंशन योजना शामिल हैं।

जागरण संवाददाता, फरीदकोट। रोडवेज, पनबस व पीआरटीसी के अस्थायी कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर की गई तीन दिन की हड़ताल की घोषणा के तहत बुधवार को पहले दिन परिवहन विभाग के अस्थायी कर्मचारियों द्वारा हड़ताल की गई। जिसके चलते फरीदकोट के पीआरटीसी डिपो की 108 बसों में से कोई भी बस नहीं चल पाई।
जिसके चलते डिपो को प्रतिदिन लगभग बीस लाख रूपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। उधर इस हड़ताल के चलते विभाग के अस्थायी कर्मचारियों के साथ-साथ ट्रेड यूनियनों द्वारा की जाने वाले देश व्यापी हड़ताल के समर्थन में स्थानीय बस अड्डे में रैली की गई। इसके अतिरिक्त स्थानीय नगर कौंसिल में भी ट्रेड यूनियनों के समर्थन में धरना दिया गया।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि रैली में केंद्र सरकार द्वारा लागू की जा रही चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने और मज़दूर हितैषी संशोधन करने, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, स्कीम वर्कर्स और अन्य अकुशल कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने और न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये तय करने, ठेका प्रथा समाप्त करने, निजीकरण नीतियों को समाप्त करने, सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी लागू करने और बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
इससे पहले, भारतीय जीवन बीमा निगम, बीएसएनएल, पंजाब पावरकॉम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, पेप्सू रोडवेज के परिवहन कर्मचारी अपने-अपने प्रतिष्ठानों में हड़ताल करके विरोध रैली में शामिल हुए।
इस रैली को विभिन्न संगठनों के अशोक कौशल एटक नेता, जतिंदर कुमार कर्मचारी नेता, इंद्रजीत सिंह खीवा पेंशनर नेता, वीर इंद्रजीत सिंह पुरी प्रदेश अध्यक्ष पंजाब मंडी बोर्ड, हरप्रीत सिंह टीएसयू, प्रेम चावला प्रदेश महासचिव पंजाब पेंशनर यूनियन, हरपाल सिंह मचाकी, अपार सिंह संधू सीटू नेता, सिमरजीत सिंह बराड़, हरजिंदर सिंह, हरप्रीत सिंह सोढ़ी सहित विभिन्न वक्ताओं ने संबोधित किया।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार कार्पोरेट घरानों के दबाव में लगातार जनविरोधी नीतियां लागू कर रही है और आजादी के बाद मेहनतकश लोगों द्वारा अपने संघर्षों के माध्यम से बनाए गए सार्वजनिक क्षेत्र को नष्ट कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार निजीकरण समर्थक नीतियों को बहुत तेजी से बढ़ावा दे रही है, जिससे मजदूरों, किसानों, कर्मचारियों, पेंशनरों और आम जनता को नुकसान हो रहा है। देश के अन्य लोगों के खिलाफ फैसले ले रही है और उन्हें लागू कर रही है।
इस दौरान परिवहन विभगा के वक्ताओं ने कहा कि उनके द्वारा लंबे समय से काम कर रहे अस्थायी कर्मचारियों को पूरे स्केल पर स्थायी किए जाने, पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाने, विभाग में नई बसें डाली जाने तथा कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए नई भर्ती शुरू की जाने की मांगें उठाई जा रही हैं। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होते वे संघर्ष करते रहेंगे।
दूसरी ओर नगर कौंसिल में हड़ताल के समर्थन में सफाई सेवक यूनियन पंजाब द्वारा धरना दिया गया। जिसमें प्रांतीय अध्यक्ष अशोक सारवान, कोषाध्यक्ष रमेश कुमार नीनू, रवि गायचंद कोषाध्यक्ष, कुलदीप शर्मा मुख्य सलाहकार सफाई सेवक यूनियन पंजाब, कुलदीप कांगड़ा संगठन सचिव सफाई सेवक यूनियन पंजाब, बलजीत सिंह बराड़ अध्यक्ष कुलदीप सिंह रोमाना सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।
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