Punjab News: सतलुज का बढ़ा जलस्तर, बाढ़ का संकट गहराया; भाखड़ा डैम से पानी छोड़ने के बाद दरिया उफान पर
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण सतलुज दरिया में जलस्तर बढ़ गया है जिससे पंजाब के सीमावर्ती गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। भाखड़ा और पौंग डैम से अतिरिक्त पानी छोड़ने से स्थिति और गंभीर हो गई है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। प्रभावित गांवों में खेत और सड़कें जलमग्न हो गई हैं।

जागरण संवाददाता, फाजिल्का। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश का असर अब पंजाब के सरहदी गांवों में साफ दिखाई देने लगा है। मंगलवार रात से सतलुज दरिया का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। भाखड़ा और पौंग डैम से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद दरिया उफान पर है।
नतीजा यह हुआ कि जो सड़कें मंगलवार तक सूखी नज़र आ रही थीं, वे भी अब पूरी तरह जलमग्न हो गई हैं। बीती रात से जलस्तर में करीब एक से दो फीट का इजाफा दर्ज किया गया, जिससे ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का खतरा और गहरा गया है।
प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए ग्रामीणों से अपील की है कि महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हों। वहीं, पशुओं को भी ऊंचे स्थानों पर ले जाने की हिदायत दी गई है। बताया गया है कि हुसैनीवाला हेड से करीब 2,10,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसका असर बुधवार दोपहर से और स्पष्ट दिखने लगेगा। फिलहाल 12 गांवों को जोड़ने वाला ‘कावावाली पुल’ अभी तक बंद नहीं किया गया है, लेकिन अगर पानी का स्तर तेजी से बढ़ा तो इस पुल को भी बंद करना पड़ सकता है।
इससे कई गांवों की कनेक्टिविटी टूट सकती है और लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि वे अभी 2023 की बाढ़ की मार से उबरे भी नहीं थे कि एक बार फिर वही हालात पैदा हो गए हैं।
पानी की मार झेल रहे प्रभावित गांवों में मुहार जमशेर, तेजा रुहेला, चक्क रुहेला, दोना नानका, ढाणी लाभ सिंह, महात्मा नगर, राम सिंह भैणी, झंगड़ भैणी, रेत वाली भैणी, गट्टी नंबर 1, वल्ले शाह हिठाड़ (गुलाबा भैणी), ढाणी सद्दा सिंह, गुड़ड़ भैणी, घूरका, ढाणी मोहणा राम, वल्ले शाह उताड़ (नूरशाह) की ढाणियाँ, मुहार खीवा, मुहार सोना, मुहार खीवा भवानी और रेत वाली ढाणी (मुहार जमशेर) शामिल हैं। इन गांवों में खेत और सड़कें पूरी तरह पानी में डूब गई हैं, हालांकि ऊंचे गांवों के रिहायशी इलाकों में फिलहाल पानी नहीं पहुंचा है।
ग्रामीणों का कहना है कि पानी की रफ्तार बढ़ती रही तो खेतों के साथ-साथ घर भी खतरे की जद में आ सकते हैं। प्रशासन लगातार हालात पर निगरानी रख रहा है और राहत दल अलर्ट मोड पर हैं। लेकिन बाढ़ की आशंका ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है।
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