सरवाली में गरीब किसान पर टूटा दुखों का कहर, तीन दिन के अंदर नवजात पोते और दो दुधारू पशुओं की अचानक मौत
किला लाल सिंह के पास सरवाली गांव में किसान कुलदीप सिंह के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनके घर में आने वाले नए मेहमान का इंतजार था लेकिन अचानक उनकी दो दुधारू भैंसे मर गईं जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ। इसके बाद उनके नवजात पोते ने भी जन्म लेते ही दम तोड़ दिया।

संवाद सहयोगी, किला लाल सिंह। कहते हैं कि उस परमात्मा की मर्जी को कोई भी नहीं जान सकता। पता नहीं किस समय दुख की घड़ी को एकदम खुशी में बदल दे तथा खुशियों को गमों के पहाड़ में बदल दे। यह हम सभी से छुपा हुआ है। कुछ ऐसा ही एक मामला किला लाल सिंह के नजदीकी गांव सरवाली में देखने को मिला।
जहां एक परिवार जो कि आने वाले छोटे मेहमान की वजह से खुशियों के पल का इंतजार कर रहा था। मगर वह खुशियों के आने वाले पल गमों के बड़े पहाड़ में बदल गए। इस संबंधी जानकारी देते कुलदीप सिंह पुत्र जसवंत सिंह निवासी सरवाली ने बताया कि परमात्मा की मेहर से उनके घर एक नन्हा मेहमान आने वाला था। सारा परिवार उस पल की बेसब्री से इंतजार कर रहा था।
उन्होंने बताया कि वह एक गरीब किसान है तथा अपने परिवार की पालना के लिए उनकी तरफ से दुधारू भैंसे पाली हुई है तथा साथ ही वह हैंडीकैप भी है। उन्होंने बताया कि बीते रविवार को उनकी एक दुधारू भैंस अचानक ही बेहोश हो गई तथा जब डाक्टर की तरफ से चेक किया गया तो वह मर चुकी थी, अभी उस दुधारू भैंस का गम कर ही रहे थे कि अगले दिन सोमवार को उनकी एक और दुधारू भैंस एकदम से मर गई। जिसकी वजह से उनका अढ़ाई लाख रुपए से अधिक का नुकसान हो गया।
उन्होंने बताया कि फिर मंगलवार को उनके घर एक पोते का जन्म हुआ। मगर परमात्मा को शायद कुछ और ही मंजूर था। उनका नव जन्मा पोता भी अचानक उस परमात्मा के चरणों में जा भी बिराजा। उन्होंने कहा कि इन तीन दिनों के अंदर ही उनके पूरे परिवार पर दुखों का बड़ा पहाड़ टूट गया है।
पहले उनके दो दुधारू पशु अचानक दम तोड़ गए तथा फिर उनका नव जन्मा पोता जन्म लेते ही संसार को अलविदा कह गया। कुदरत की तरफ से इस दुखी परिवार पर पड़ी अचानक मार से पूरे इलाके में शोक का माहौल है तथा यह दुखदाई घटना चर्चा का विषय बन गई है।
शुरुआती दौर में डाक्टरों की तरफ से दोनों दुधारू पशुओं की मौत हार्ट अटैक से होनी बताई जा रही है। इलाके के लोगों ने प्रशासन से पुरजोर मांग की है कि इस गरीब किसान की आर्थिक तौर पर पूरी मदद की जाए।
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