ब्यास व रावी के बाद सतलुज भी उफान पर, पंजाब में भारी बारिश का रेड अलर्ट और तीन सिंतबर तक स्कूल-कॉलेज बंद
पंजाब में अभूतपूर्व बाढ़ से प्रधानमंत्री मोदी चिंतित हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से बात कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। गृहमंत्री अमित शाह ने भी हालात की जानकारी ली। सतलुज नदी में जलस्तर बढ़ने से लुधियाना रूपनगर नवांशहर व जालंधर में बाढ़ का खतरा है। भाखड़ा पौंग व रणजीत सागर बांध पर सेना नजर रख रही है।

जागरण संवाददता, लुधियाना। पंजाब में अभूतपूर्व बाढ़ से बिगड़ते हालात से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चिंतित हैं। विदेश से रविवार को नई दिल्ली लौटते ही उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से फोन पर बातचीत कर राज्य में बाढ़ के हालात की जानकारी ली तथा बाढ़ प्रभावितों के लिए हरसंभव मदद देने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री के फोन से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी आज मुख्यमंत्री व राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से फोन पर बात कर हालात की जानकारी ली। इसी बीच तीनों बांधों से छोड़े जा रहे पानी के कारण पहले रावी व ब्यास दरिया ही राज्य के आठ जिलों में तबाही मचा रहे थे, अब राज्य से गुजरने वाला सतलुज दरिया भी उफान पर पहुंच गया है।
लुधियाना में सतलुज का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है। इससे सतलुज दरिया के किनारों में स्थित जिलों रूपनगर, नवांशहर, लुधियाना व जालंधर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। जालंधर में पहली बार चिट्टी बेईं से पानी ग्रामीण इलाकों में प्रवेश करने लगा है। इसी तरह घग्गर दरिया का भी जलस्तर बढ़ने से पटियाला, संगरूर जिलों के लोग भी बाढ़ के खतरे से दहशत में हैं।
राज्य में स्थित भाखड़ा, पौंग व रणजीत सागर बांध के लगातार बढ़ते जलस्तर के चलते बीबीएमबी के अलावा अब सेना ने भी इन पर नजर रखनी शुरू कर दी है। सेना की पश्चिमी कमान के अधिकारियों ने यह जानकारी सोमवार को पंचकूला स्थित चंडीमंदिर मुख्यालय में दी। राज्य में आई बाढ़ का जायजा लेने के लिए देर रात राज्यपाल कटारिया फिरोजपुर पहुंच गए।
वह मंगलवार को जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों को दौरा करेंगे। इसके बाद वह अन्य बाढ़ प्रभावित जिलों में भी स्थिति देखेंगे। राज्य में 1,300 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। इनमें फिरोजपुर के लगभग 107 गांव भी शामिल हैं।
फिरोजपुर के 12 गांवों में आठ से नौ फीट तक पानी भरा हुआ है और यहां पानी लगातार बढ़ रहा है। अन्य गांवों में छह से सात फीट तक पानी भरा हुआ है। ऐसे ही हालात फाजिल्का व कपूरथला जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों के हैं।
पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर व अमृतसर में हालात में कुछ सुधार हुआ है लेकिन यहां अब भी गांवों में तीन से चार फीट तक पानी भरा हुआ है। राज्य में बाढ़ के बीच हो रही भारी वर्षा ने भी जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। लुधियाना में 1947 के बाद पहली बार एक ही दिन में 250 मीलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई है।
इसी तरह राज्य के अन्य जिलों में भी भारी वर्षा हुई। मौसम विभाग ने मंगलवार को भी भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। राज्य में बाढ़ व वर्षा के कारण मरने वालों का आंकड़ा 29 पहुंच गया है। लुधियाना में बुड्ढा नाला के पास बनी दीवार गिरने से कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं।
राज्य में हो रही वर्षा के कारण राज्य सरकार ने तीन सितंबर तक कालेज भी बंद रखने की घोषणा की है। इससे पहले स्कूलों में ही तीन सितंबर तक छुट्टियों की घोषणा की गई थी। उधर, नंगल में तेज वर्षा के कारण भूस्खलन होने से नंगल डैम को जाने वाला मार्ग अवरुद्ध हो गया है।
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