'गुरु साहिब का बलिदान अन्याय के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा', अरविंद केजरीवाल ने श्री आनंदपुर साहिब में टेका माथा
श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी शताब्दी के समागम का श्री आनंदपुर साहिब में भव्य शुभारंभ हुआ। अरविंद केजरीवाल ने गुरु साहिब के चरणों में नतमस्तक होकर आशीर्वाद लिया और उनके बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब की शहादत हमें न्याय और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। पंजाब सरकार ने समारोहों के लिए विस्तृत व्यवस्थाएं की हैं।

अरविंद केजरीवाल ने श्री आनंदपुर साहिब में टेका माथा
डिजिटल डेस्क, जालंधर/चंडीगढ़। सिख धर्म के नौवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी शताब्दी को समर्पित भव्य समागमों का पवित्र शहर श्री आनंदपुर साहिब में भव्यता से आगाज हो गया है। देश और दुनिया से आई संगत की उपस्थिति में, शताब्दी समारोह के मुख्य कार्यक्रम के रूप में श्री अखंड पाठ साहिब का आरंभ हुआ।
इस ऐतिहासिक और दिव्य समागम में आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी शिरकत की। केजरीवाल ने गुरु साहिब के चरणों में नतमस्तक होकर आशीर्वाद प्राप्त किया और इस धार्मिक अवसर पर उपस्थित होने को अपना परम सौभाग्य बताया।
अरविंद केजरीवाल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस पवित्र पल को साझा करते हुए गुरु तेग बहादुर साहिब जी के सर्वोच्च बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले 'हिन्द की चादर' गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान पूरी दुनिया के लिए एक महान प्रेरणास्रोत है। उन्होंने जोर दिया कि गुरु साहिब की शहादत हमें यह सिखाती है कि हमें हमेशा निडरता, न्याय और सच्चाई के मार्ग पर अडिग रहना चाहिए, चाहे चुनौतियां कितनी भी बड़ी क्यों न हों।
शहीदी शताब्दी समारोहों के लिए पंजाब सरकार द्वारा विस्तृत व्यवस्थाएं की गई हैं। राज्य सरकार इस ऐतिहासिक दिवस को श्रद्धा, सम्मान और धार्मिक मर्यादा के साथ मनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इन आयोजनों के माध्यम से नौवें गुरु की शिक्षाओं और सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि नई पीढ़ी उनके त्याग और दर्शन से प्रेरणा ले सके।
इस मौके पर श्री आनंदपुर साहिब का माहौल अत्यंत भक्तिमय और भावुक था। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने दरबार साहिब में मत्था टेका और अखंड पाठ साहिब के आरंभ में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यह समागम न केवल गुरु साहिब को एक श्रद्धांजलि है, बल्कि उस महान विरासत को याद करने का अवसर है जिसने देश को धार्मिक स्वतंत्रता और न्याय के लिए खड़े होने का मार्ग दिखाया। केजरीवाल की उपस्थिति ने इन समारोहों को एक राजनीतिक महत्व भी दिया है, जो दर्शाता है कि पंजाब की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत राज्य की राजनीति में कितना केंद्रीय स्थान रखती है। यह समारोह आने वाले दिनों में श्रद्धा और भक्ति का केंद्र बना रहेगा।

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