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    चौगिट्ठी डंप साइट पर फिर जमा हो रहा कूड़ा, हाईवे पर गंदगी के आलम के बाद एनजीटी में फिर शिकायत की तैयारी

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 06:57 PM (IST)

    जनवरी 2024 में एनजीटी के आदेश पर बंद हुई चौगिट्ठी डंप साइट पर फिर से कूड़ा जमा हो रहा है जिससे नेशनल हाइवे के किनारे गंदगी फैल रही है। कूड़ा बीनने वालों की परेशानी और निगरानी के अभाव के कारण यह स्थिति बनी है। एनजीओ अल्फा महेंद्रू ने एनजीटी में दोबारा शिकायत करने की बात कही है।

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    20 महीने बाद चौगिट्ठी डंप पर फिर लगने लगे कूड़े के ढेर (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, जालंधर। जनवरी 2024 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल-एनजीटी के आदेश पर बंद हुए चौगिट्ठी डंप साइट्स पर एक बार फिर कूड़े के ढेर लगने लगे हैं। यही नहीं इस डंप साइट्स के आसपास की लिंक रोड्स पर कई छोटे-छोटे डंप बन गए थे। चौगिटठी डंप साइट्स के बंद होने के बाद से ही कूड़ा फेंकने में दिक्कत आने लगी थी।

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    इस इलाके का कूड़ा प्रताप बाग और दकोहा डंप पर फेंकने के निर्देश दिए गए थे लेकिन यह दोनों डंप साइट्स काफी दूर होने के कारण रैग पिकर्स के लिए इन साइटस पर कूड़ा फेंकने जाने मुश्किल हो रहा है। अब कुछ रैग पिकर्स दोबारा चाैगिट्ठी डंप साइट्स पर कूड़ा फेंकने लगे हैं और नेशनल हाइवे के किनारे एक बार फिर कूड़ा फैल गया है।

    इस डंप साइट्स पर करीब 8 वार्डों की 50 से ज्यादा कालोनियों का कूड़ा आता था। डंप साइट् बंद होने के बाद जिन रैग पिकर्स के पास मोटर साइकिल या बैटरी वाला रिक्शा नहीं है वह डंप साइट्स के आसपास खाली प्लाटों और कालोनियों की सड़कों के किनारे कूड़ा फेंकते रहे हैं लेकिन अब नेशनल हाइवे के किनारे ही कूड़ा फेंका जाने लगा है। चौगिट्ठी डंप साइट नेशनल हाईवे पर थी और एनजीओ अल्फा महेंद्रू ने इसके खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में शिकायत दी थी।

    इसी शिकायत के आधार पर एनजीटी के आदेशों पर नगर निगम ने डंप साइट् बंद कर दी थी। एनजीटी के आदेश पर नेशनल हाइवे अथारिटी और नगर निगम ने इस साइटस का सुंदरीकरण किया था और सैर के लिए फुटपाथ बनाया था और पौधे लगाए थे। कूड़ा फेंकने वालों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए थे। अब फुटपाथ पर कूड़े के ढेर लगे हैं।

    ना तो नगर निगम और ना ही नेशनल हाइवे अथारिटी इस पर ध्यान दे रही है। बता दें कि इस डंप साइट्स पर कमर्शियल यूनिट्स खासतौर पर रेस्टोरेंट, ढाबों, हाेटलों और पैलसों को कूड़ा आता था। यह कमर्शियल यूनिट्स रात के समय में डंप पर कूड़ा फेंक जाते थे। ऐसी आशंका है कि अभी भी कुछ कमर्शियल यूनिट्स का कूड़ा ही यहां पर फेंका जा रहा है।

    इस डंप साइट्स को बंद करवाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ने वाले एनजीओ अल्फा महेंद्रू के प्रधान रमेश महेंद्रू ने कहा कि यहां पर दोबारा से कूड़ा फेंकना एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन है। जब इस डंप साइट को बंद किया गया था तो तत्कालीन नगर निगम कमिश्नर ने इस डंप साइट पर पार्क विकसित करने का वादा किया था। अब यहां पर फिर डंप साइट् बन गई है। रमेश महेंद्रू ने कहा कि वह वह इसकी शिकायत एनजीटी में करेंगे। नेशनल हाइवे के किनारे कूड़े का डंप नहीं बनने देंगे।