Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सरकारी योजनाओं में सेंध लगाकर करोड़ों की ठगी, पुलिस ने गिरोह को पकड़ने के लिए शुरू किया ऑपरेशन शटर डाउन

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 03:23 AM (IST)

    फिल्लौर में राजस्थान पुलिस और एसटीएफ ने छापा मारकर सरकारी योजनाओं में सेंध लगाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। जालंधर से जुड़े इस गिरोह ने साइबर ठगी से करोड़ों रुपये निकाले। पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों का डेटा बरामद हुआ है। गिरोह के कई सदस्य फरार हैं, जिनकी सूचना देने पर इनाम की घोषणा की गई है।

    Hero Image

     सरकारी योजनाओं में सेंध लगाकर करोड़ों ठगने के तार जालंधर से जुड़े

    संवाद सहयोगी, फिल्लौर। केंद्र सरकार सहित राज्य सरकारों की विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं में सेंध लगाकर सरकारी सिस्टम से साइबर ठगी के मामले के तार जालंधर जिले के साथ जुड़ गए हैं। इस मामले में राजस्थान पुलिस व एसटीएफ के अधिकारियों ने फिल्लौर के गढ़ा गांव में छापामारी करके रोहित कुमार और जालंधर से संदीप शर्मा व सुनंत शर्मा को गिरफ्तार किया है। ये लोग गिरोह के सरगना बताए जा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजस्थान के झालावाड़ पुलिस प्रभारी अमित कुमार की ओर से फिल्लौर में भेजी गई पुलिस टीम के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि यह गिरोह इतना शातिर है, जो केंद्र व राज्य सरकारों की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए जारी की जाने वाली राशि को साइबर ठगी करके बड़े पैमाने पर बैंक खातों से निकलवाने में कामयाब हो गए। जैसे ही पुलिस को इस ठगी का पता चला तो साइबर पुलिस ने देश भर में 'ऑपरेशन शटर डाउन' की शुरुआत की। इसके बाद पता चला कि इस साइबर ठगी में कुछ सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। इस गिरोह के तार राजस्थान से शुरू होकर दिल्ली व पंजाब तक फैले हुए हैं।

    इसके बाद पुलिस ने हरकत में आते हुए आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद उनके पास से मिले लगभग 11 हजार बैंक खातों को तुरंत फ्रीज करवाया। इन खातों में सरकारी खातों से निकलवाई गई करोड़ों रुपये की राशि पाई गई है। इसके अलावा कुछ ओर खाते हैं जिनकी डिटेल आने के बाद पूर्ण राशि का पता लग सकेगा। यह गिरोह अब तक कितना बड़ा गबन कर चुका है, इसका आकलन किया जा रहा है।

    उन्होंने बताया कि आरोपितों से पीएम किसान सम्मान निधि पोर्टल का डाटा मिला है, जिसमें लाभार्थियों के आइडी अकाउंट नंबर, नाम, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड नंबर अंकित हैं। इनके पास से गुजरात के करीब दो लाख, असम के 40 हजार और राजस्थान के 55 हजार लाभार्थियों के डाटा के अलावा 15 हजार लोगों के आधार आइडी सूची भी मिली है। अधिकारियों ने बताया कि देश भर में हो रही गिरफ्तारियों के चलते इस गिरोह के कई लोग अंडरग्राउंड हो गए हैं। इनको पकड़वाने वाले लोगों का नाम गुप्त रखा जाएगा और उन्हें 25 हजार से अधिक का इनाम भी दिया जाएगा।