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    अमरूद घोटाला: ED ने 16 आरोपियों पर कसा शिकंजा, धोखाधड़ी और जालसाजी से लिया था मुआवजा, जानिए पूरा मामला

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 10:42 PM (IST)

    जालंधर ईडी ने मोहाली कोर्ट में अमरूद बाग घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। आरोप है कि राजस्व और बागवानी अधिकारियों की मिलीभगत से निजी व्यक्तियों ने फर्जी अमरूद के बाग दिखाकर गलत तरीके से मुआवजा लिया। विजिलेंस ब्यूरो की जांच के बाद ईडी ने कार्रवाई की।

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    ईडी ने 16 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दायर की। सांकेतिक फोटो

    जागरण संवाददाता, जालंधर। ईडी जालंधर ने विशेष न्यायालय मोहाली में अमरूद बाग घोटाले से संबंधित मनी लांड्रिंग जांच में भूपिंदर सिंह, विकास भंडारी और 14 अन्य आरोपितों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दायर की है।

    जिसमें मोहाली में राजस्व अधिकारियों और बागवानी विकास अधिकारियों की मिलीभगत से निजी व्यक्तियों द्वारा अमरूद के बागों के बदले गलत तरीके से अतिरिक्त मुआवजा लिया गया था।

    12 फरवरी वर्ष 2016-17 में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने जिला मोहाली के गांव बाकरपुर में हुए अमरूद बाग घोटाले के सह-आरोपित चंडीगढ़ निवासी सुखदेव सिंह को गिरफ्तार किया था। आरोप था कि सुखदेव सिंह ने धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी रिकार्ड को छेड़ कर आपराधिक साजिश में भूमिका निभाई। जिसके बाद ईजी ने जांच शुरू की थी।

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    ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि निजी व्यक्तियों ने सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से झूठे अमरूद के बाग खड़े कर मुआवजा ले लिया। यह जगह ग्रेटर मोहाली एरिया डवलपमेंट अथारिटी (गमाडा) की एरोसिटी रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट आइटी सिटी, एसएएस नगर, मोहाली के लिए अधिग्रहण करनी थी।

    आरोपितों जमीन पर अमरूद के पेड़ दिखा दिए थे। राजस्व अधिकारियों और बागवानी विभाग के अफसरों की मिलीभगत से नकली और फर्जी रिपोर्ट तैयार की। इस तरह गलत ढंग से आरोपितों ने करोड़ों रुपये का मुआवजा ले लिया।

    राजस्व अधिकारी विकास भंडारी ने फर्जी मुआवजे की रकम का बड़ा हिस्सा अपनी पत्नी रितिका भंडारी और अपने सहयोगियों भूपिंदर सिंह, करम सिंह और गुरदीप सिंह के पास ट्रांसफर करवा दिया। इन पैसों से खरीदी गई प्रापर्टियों और शेयरों को ईडी अटैच कर चुकी है।