जालंधर बस स्टैंड के चौराहे पर हादसों को दावत दे रही खराब ट्रैफिक लाइटें, प्रशासन का लापरवाही से जनता परेशान
जालंधर में ट्रैफिक लाइटें खराब होने से यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। बस स्टैंड चौराहे पर रोजाना हजारों लोग जोखिम में हैं जहाँ आधे घंटे में कई वाहन गुजरते हैं और दुर्घटनाएँ होते-होते बचती हैं। पुलिस चालान काटने में व्यस्त है जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि लाइटें बंद होने से आए दिन हादसे होते हैं।

हर्ष कुमार, जालंधर। शहर में ट्रैफिक सिस्टम पूरी तरह चरमराया नजर आ रहा है और सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक लाइटें बंद होने से है। लाइटें बंद होने के कारण शहर में जाम की समस्या ने लोगों की जान खतरे में डाल दी है।
कई इलाकों में तैनात पुलिसकर्मी जाम पर काबू करने की कोशिश करते रहे, वहीं कुछ चौराहे पर पुलिस की गैरमौजूदगी के कारण लोग परेशानी झेलने को मजबूर होते हैं। बस स्टैंड चौक से हजारों लोग रोजाना निकलते हैं और हादसों का शिकार होते होते बचते हैं।
शुक्रवार को दैनिक जागरण की टीम ने आधा घंटा बस स्टैंड में पड़ताल की तो लोग समय बचाने के चक्कर में एक-दूसरे पहले निकलने की कोशिश करते नजर आए। आधे घंटे के दौरान 220 कारें, 41 बसें और 70 ई रिक्शों सहित कई दोपहिया वाहन निकले।
बस स्टैंड चौराहे पर नाका लगा हुआ था और उस पर खडे ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी चालान काटने में व्यस्त दिखाई दिए। पुलिस का नाका देख वाहन चालक बिना पीछे देखे रास्तों को बदलते नजर आए और ट्रैफिक लाइटें बंद होने के कारण उस आधे घंटे में 12 बार हादसे होते-होते बचे।
कई बार तो बस या कार ई रिक्शा चालकों जाम लगाने के चक्कर में गाली निकालते भी दिखाई दिए और जाम की स्थिति नाके पर तैनात पुलिस कर्मचारी जाम को खुलवाने की बजाय चालान काटने में लगे रहे।
चौराहे में मौजूद ठेके पर काम करने लगे कारिंदे ने कहा कि रोजाना यही हालात होते है और दिन कई बार बड़े अधिकारी इस चौराहे से निकलते हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी पिछले कई महीनों से बंद पड़ी लाइटों को ठीक करवाने की ओर ध्यान नहीं देता।
वहीं पास में खाने की रेहड़ी लगा खड़े व्यक्ति ने कहा कि कई बार तो लाइटें बंद होने के कारण दिन में चार से पांच हादसे हो जाते हैं, जिसकी शिकायतें बस स्टैंड पुलिस के पास पहुंचती है लेकिन तभी कोई इसे ठीक करवाना उचित नहीं समझता।
ट्रैफिक लाइटों के बंद रहने से जाम की स्थिति को संभालने के लिए कई चौराहों पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जो हाथों से इशारे करके ट्रैफिक नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं। हालांकि कई चौराहों में चालान न होने के कारण युवाओं में नियम तोड़ने का डर खत्म हुआ नजर आया।
कई जगहों पर तेज रफ्तार और बिना हेलमेट वाहन चलाने वाले युवा बेखौफ नजर आए। इससे न केवल यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है।
ट्रैफिक एडीसीपी गुरबाज सिंह ने कहा बंद ट्रैफिक लाइटों को ठीक करवाने के लिए नगर निगम के अधिकारियों से तालमेल किया जाएगा। आने वाले दिनों में जल्द ही बंद लाइटों को चालू करवाया जाएगा ताकि किसी भी राहगीर को कोई परेशानी का सामना न करना पड़ा। बस स्टैंड के पास ट्रैफिक पुलिस की टीमें तैनात रहती है ताकि कोई हादसा न हो सके।
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