पंजाब में पराली जलाने पर बंद होगी पेंशन, सरकारी योजनाओं का भी नहीं मिलेगा लाभ
पंजाब सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। पराली जलाने पर किसानों की पेंशन बंद कर दी जाएगी और सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा। सरकार का कहना है कि पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ता है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। सरकार ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की है।

पराली जलाने पर पंजाब सरकार का कड़ा रुख
जागरण संवाददाता, जालंधर। पराली प्रबंधन को लेकर राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए पराली जलाने वाले व्यक्तियों के पारिवारिक सदस्यों की पेंशन बंद करने के लिए कहा है। इसके साथ ही, ऐसे मामलों में सरकारी योजनाओं का लाभ भी तुरंत प्रभाव से समाप्त कर दिया जाएगा। इससे पहले पराली जलाने पर एफआइआर दर्ज करने का प्रविधान पहले से ही लागू है।
सरकार ने पराली न जलाने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया है, जिसमें आंगनवाड़ी वर्कर्स गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को इन निर्देशों से अवगत कराएंगी। इस संबंध में एसडीएम ने जिला बाल विकास अधिकारी को पत्र जारी करके आंगनवाड़ी वर्करों को लोगों को जागरूक करने के लिए कहा है।
यह पहली बार है जब सरकार ने पराली जलाने वाले के पारिवारिक सदस्यों की पेंशन बंद करने का निर्णय लिया है। सरकारी आदेशों के अनुसार यदि पेंशन बंद होती है तो भविष्य में इसे दोबारा शुरू नहीं किया जा सकेगा। हालांकि, सरकारी प्रयासों के चलते इस बार पराली जलाने के मामलों में कमी आई है, लेकिन नवंबर का पूरा महीना अभी बाकी है।
अक्टूबर और नवंबर में पराली जलाने के मामले अधिक होते हैं। जालंधर में नूरमहल और मेहतपुर में सेटेलाइट से पराली जलाने की रिपोर्ट मिली है। मंगलवार को नूरमहल के एक और मेहतपुर के दो पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है।
आंगनवाड़ी वर्कर्स न केवल पुरुषों, बल्कि परिवार की महिलाओं को भी इस निर्देश से अवगत कराएंगी और पराली जलाने के नुकसान के बारे में बताएंगी। पेंशन बंद करने की घोषणा से पराली जलाने के मामलों में कमी आने की संभावना है।

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