दुष्कर्म की रिपोर्ट लिखवाने गई मां-बेटी का थाने में शारीरिक शोषण, जालंधर में SHO पर लगे गंभीर आरोप
फिल्लौर में एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता और उसकी मां ने थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता की मां का कहना है कि एसएचओ भूषण कुमार ने बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करने में देरी की और थाने में उनका शारीरिक शोषण किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसएचओ ने थाने में अय्याशी के लिए एक कमरा बना रखा था। लोक इंसाफ मंच ने एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

फिल्लौर में एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता और उसकी मां ने थाना प्रभारी पर शारीरिक शोषण के आरोप लगाए (प्रतीकात्मक फोटो)
संवाद सहयोगी, फिल्लौर। बलात्कार की पीड़ित नाबालिग लड़की को इंसाफ दिलवाने में देरी करने और उसकी मां को अकेले में मिलने के लिए बुलाने और उसका शरीरक सोशण करने पर एस.एस.पी. जालंधर देहाती ने बेशक थाना प्रभारी भुषण कुमार को लाईन हाजिर कर रातों रात नया थाना प्रभारी अमन सैनी को नियुक्त कर दिया उसके बावजुद थाने में सिस्टम वही पुराना चल रहा है।
लोक इंसाफफ मंच के प्रधान कामरेड जरनैल व रामजी दास ने कहा जब तक पुर्व थाना प्रभारी भुषण कुमार के विरूद्ध यौन उतपीड़न मामले के साथ पोसको एैक्ट की धारा में मुक्दमा दर्ज नहीं किया जाएगा तब तक वह पीछे नहीं हटेंगे। इसके लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ा या फिर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट भी जाना पड़ा तो वह जाएंगे।
आज एक बार फिर पीड़ित लड़की, उसकी माता और लोक इंसाफ मंच के नेताओं ने थाना प्रभारी भुषण कुमार की दरिंदगी की जो दासतां सुनाई उसे सुन कर हर कोई हैरान रह गया। आखिर पुलिस की वर्दी में जालंधर देहात जिले के सब से बड़े पुलिस थाने में तैनात अधिकारी ऐसी घिनौणी हरकत कैसे कर सकता है।
बलात्कार की शिकार पीड़ित लड़की जो मात्र 14 वर्ष की है उसने और उसकी माता ने बताया कि थाना प्रभारी भुषण कुमार पुलिस वर्दी में दरिंदा था जिसने सभी हदें पार कर उन पीड़ित मां बेटी का शरीरक सोशन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
पीड़िता की मां ने बताया कि डेढ़ महिना पहले 23 अगस्त की रात्रि को उसकी नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार की घटना घटित होने के बाद ज बवह अपनी बेटी को रह कर प्रातः पुलिस थाने इंसाफ लेने गई तो पिछले डेढ़ महिने से रोजाना उनका बलात्कार से भी घिनौणा शरीरक सोशण थाना प्रभारी कर रहा था। उसने बताया कि थाना प्रभारी ने पुलिस थाने के अंदर ही अपनी आयाषी करने के लिए बकायदा एक कमरा तैयार किया हुआ है जिसमें बैड भी लगाया हुआ है।
वह मां बेटी को अपने साथ उस कमरे में ले गया कमरे के अंदर दाखिल होते ही उसने बाहर खड़े छोटे मुलाजिम से कहा बिनां उसकी इजाजत के कोई भी कमरे के अंदर नहीं आना चाहिए कमरे के अंदर कुछ देर बैठने के बाद थाना प्रभारी ने उस से कहा वह अब उसकी लउ़की की मैडिकल जांच करेगा। जिस से पता चल सकेगा उसके साथ असलीयत में बलात्कार हुआ या बलात्कार करने की कोशिश हुई।
जब पीड़ित लड़की की मां ने कहा वह उसका मैडिकल सिवल हस्पताल में जाकर करवाए तो उसने कहा पहले वह जांच करेगा। मैडिकल जांच के नाम पर उसने पहले उसकी बेटी को कहा वह पहले कमरे का पैदल चल कर चक्कर लगाए जब लउ़की ने चक्कर लगाया तो उसने कहा यह बिल्कुल ठीक ठाक चल रही है उसे नहीं लगता इसके साथ कुछ हुआ होगा।
उसके बाद उसने उसकी बेटी को कपड़े उतारने के लिए कहा मां बेटी दोनों शर्म से सिर झुका कर बैठ गई पुलिस वर्दी में आगे बैठे एस.एच.ओ. से उन्हें डर भी लग रहा था। ज बवह लड़की के कपड़ों में हाथ डालने लग पउ़ा तो उसकी बेटी रोने लग पड़ी तो एस.एच.ओ. ने उसे अपनी गोद में बैठा कर उसका मुंह चुमना शुरू कर दिया।
आधे घंअे बाद वह उन्हें कमरे से बाहर ले आया और उन्हें बोला िकवह चुपचाप घर चली जाएं वह उन्हें दोबारा बुलाएगा। उसके बाद वह लगातार पीड़ित लड़की की मां कोफोन कर अकेले में बुलाता रहा और उसका शरीरक सोशण करता रहा। वह उस से हर बार बोलती की लड़की का मैडिकल करवा दो तो वह उसका सोशण कर उसे हर बार वापिस भेज देता।
एस.एच.ओ. की इन गल्त हरकतों से दुखी होकर उसने भुषण कुमार की अपने मोबाईल फोन से रिकाडिंग करनी शुरू कर दी उसे पता था कि बिनां रिकार्डिंग के कोई भी उसकी बात पर यकीन नहीं करेगा। डेढ़ महिने बाद वह अपनी फरीयाद लेकर लोक इंसाफ मंच के नेताओं के पास गई इस बात की भनक पड़ते ही थाना प्रभारी ने जल्द बाजी मे बलात्कार का मुक्दमा दर्ज कर दिया। जबकि जो शिकायत उसने दी थी वैसे पुलिस ने मुकदमा दर्ज ही नहीं किया। सुत्रों से पता चला है कि थाना प्रभारी भुषण कुमार के विरूद्ध उच्च अधिकारी कड़ी कारवाई करने का मन बनां चुके है।
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