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    लाइसेंस सिर्फ 6 को लेकिन सज गई 22 दुकानें, कपूरथला में प्रशासन की सख्ती के बाद धड़ाधड़ बिक रहे अवैध पटाखे

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 11:58 AM (IST)

    कपूरथला में पटाखा बिक्री के लिए केवल छह लाइसेंस जारी किए गए हैं, जबकि 22 दुकानें सजी हुई हैं। प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है, जिससे अवैध बिक्री हो रही है। सियासी दखल के चलते कुछ लोग फायदा उठा रहे हैं। शहर के भीड़भाड़ वाले बाजारों में भी पटाखे बेचे जा रहे हैं, जिससे लोगों की सुरक्षा खतरे में है। प्रशासन नियमों के अनुसार कार्रवाई करने की बात कर रहा है।

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    कपूरथला शहर में खतरे के बीच पटाखा बिक्री (प्रतीकात्मक फोटो)

    महेश कुमार, कपूरथला। हर साल पटाखा बिक्री के लिए सर्कुलर रोड स्थित पुरानी अबरोल फैक्ट्री में अस्थायी मार्केट सजती है। इस बार भी पटाखा बाजार सजा हैं, जिसके लिए जिला प्रशासन ने महज छह लोगों को अधिकृत लाइसेंस जारी करके पटाखा बिक्री के लिए अधिकृत किया हैं जबकि यहां छह की बजाय 22 दुकानें सज गई हैं जहां धड़ल्ले से पटाखे बिक हैं।

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    इस ओर प्रशासन का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है। यहीं नहीं, सियासी दखल के चलते सत्ताधारी नेता के चहेते चांदी कूट रहे हैं। असूलन लाइसेंस छह हैं तो दुकानें भी छह ही लगनी चाहिए, लेकिन जिला प्रशासन बिल्कुल आंखें मूंदकर कुंभकर्णी नींद सो रहा है। इस मामले में डीसी कपूरथला और एडीसी-जनरल फोन पर बात करने से कन्नी कतरा रहे हैं। जिससे पटाखा के करोड़ों के खेल में दाल में कुछ काला होने का संदेह है।

    अदालत के आदेश पर शहर के भीड़भाड़ वाले बाजार की बजाय खुली जगह में उचित प्रबंधों के साथ पटाखा बिक्री का स्थान निर्धारित करने में जिला प्रशासन अपनी ड्यूटी तो बाखूबी निभाता है। बस, लाइसेंस जारी करके फर्ज की इतिश्री करके भूल जाता है। उसके बाद सियासी आकाओं की शरण में जाने वाले हर विक्रेता को अवैध दुकान सजाने की थापी मिलती रहती है।

    पुराने पटाखा कारोबारी बेच रहे माल

    जिससे लाइसेंस किसी को भी मिले, लेकिन इस अस्थायी पटाखा मार्केट में केवल पुराने मंझे हुए पटाखा कारोबारी की माल बेचते हैं। सूत्रों की मानें तो करीब दो-तीन ऐसे पुराने खिलाड़ी हैं, जो तीन से पांच करोड़ रुपये का पटाखा बेचते हैं। जबकि इन्हें लाइसेंस मिले न मिले, सेटिंग बराबर रहने से इनकी दुकान सज ही जाती है।

    हैरानी की बात तो यह है कि जिला प्रशासन को सब मालूम होने के बावजूद कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है। सूत्रों की मानें तो हर दुकान पर कथित तौर एक लाख रुपये के वारे-न्यारे किए गए हैं। सत्तासीन नेताओं की सियासत हावी होने के चलते जिला प्रशासन भी आंखें मूंदकर बैठा है।

    भीड़ वाले बाजार में पटाखे स्टोर, कार्रवाई शून्य

    सकुर्लर रोड पर अस्थायी पटाखा मार्केट तो बस आंखों का फेर है। जबकि शहर के भीड़ वाले बाजार में अभी भी पटाखे स्टोर हैं। सूत्र बताते हैं कि शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले बाजार में तो दो-तीन व्यापारी ऐसे हैं, जो साम-दाम-दंड-भेद के जरिये धड़ल्ले से काम कर रहे हैं। जिससे शहरवासी हर समय मौत के साय हैं, क्याेंकि जिला प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। शहर के लोगों की सुरक्षा ताक पर है।

    अधिकतर लाइसेंस धारक की नहीं कोई दुकान

    जिला कपूरथला में कुल 17 लाइसेंस जारी हुए हैं। जिनमें कपूरथला को छह, फगवाड़ा को छह, सुल्तानपुर लोधी को दो और भुलत्थ-ढिलवां को तीन शामिल हैं। कपूरथला के छह में से चार तो सकुर्लर रोड के इर्द-गिर्द रहने वाले लोगों को मिले हैं।

    इसी रोड पर कई सियासी दलों के नेताओं के कार्यालय भी है। एक लाइसेंस धारक से बात की गई तो उसने कहा कि लाइसेंस उसके नाम पर जरूर निकला है, लेकिन काम उसका भाई करता है।

    बड़े पटाखा व्यापारी बिना लाइसेंस साल भर बेचते हैं पटाखे

    दीवाली के समय में तो जिला प्रशासन लाइसेंस जारी करके स्थान निर्धारित करता है। जबकि बड़े पटाखा व्यापारी जिला प्रशासन की नाक के नीचे साल भी बिना लाइसेंस न केवल पटाखे स्टोर करते हैं, बल्कि धड़ल्ले से बेचते भी हैं।

    सबसे हैरानी की बात ताे यह है कि जीओ रैंक के पुलिस अधिकारी के कार्यालय के सामने सरेआम पटाखे बिकते हैं, लेकिन कार्रवाई कोई नहीं होती है। जिससे साफ जाहिर है कि दाल में कुछ तो काला है।

    नियम के अनुसार करेंगे कार्रवाई : एसडीएम

    एसडीएम कपूरथला मेजर इरविन कौर ने कहा कि पटाखों के लिए क्या हिदायतें हैं, उन्हें पढ़ने के बाद ही कोई कदम उठाएंगी। यदि लाइसेंस छह जारी हुए है तो ज्यादा दुकानें लगना गलत है। नियम जानने के बाद उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
    डीसी-एडीसी बात करने से बच रहे

    डीसी कपूरथला अमित कुमार पंचाल को कम से चार-पांच बार फोन किए गए हैं। बाकायदा वॉयस मैसेज भी भेजा गया। लेकिन न तो उन्होंने कॉल रिसीव ही की और न ही वॉयस मैसेल का ही जवाब दिया। वहीं, एडीसी-जनरल नवनीत कौर बल ने भी न फोन उठाया न मैसेज का जवाब दिया। जनता के सेवकों ने कॉल बैक तक नहीं किया।

    कपूरथला में इनको मिले लाइसेंस

    चेतन पांडे निवासी टावर कालोनी औजला रोड, कपूरथला
    संदीप सर्कुलर रोड दीपक नगर, कपूरथला
    रवि कुमार निवासी न्यू आबादी सकुर्लर रोड, कपूरथला
    मुकेश जैन मोहब्बत नगर, कपूरथला
    मनीष कुमार मच्छी चौक, कपूरथला
    सुमेश बजाज, अमृत बाजार, कपूरथला