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    बिना वेरिफिकेशन घर देना पड़ सकता है भारी, कपूरथला में बाहरी किराएदार ही बन रहे लुटेरे

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 07:38 PM (IST)

    कपूरथला में बाहरी राज्यों से आए किराएदार अपराध कर फरार हो जाते हैं, क्योंकि लोग पुलिस वेरिफिकेशन नहीं करवाते। डीसी के आदेश के बावजूद, लोग लापरवाही बरतते हैं। जिले में बाहरी व्यक्तियों की संख्या बढ़ी है, और कुछ आपराधिक मानसिकता वाले लोग भी शामिल हैं। पुलिस वेरिफिकेशन, आधार कार्ड, और स्थानीय पार्षद को सूचना देना जरूरी है। चोरी और चेन स्नैचिंग की घटनाओं में नागरिक भी जिम्मेदार हैं।

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    कपूरथला में बाहरी राज्यों से आए किराएदार अपराध कर फरार हो जाते हैं (प्रतीकात्मक फोटो)

    नरेश कद, कपूरथला। समय-समय पर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं कि दूसरे राज्यों से आए कुछ लोग किसी कॉलोनी या मोहल्ले में किराएदार बनकर रहते हैं और मौका पाकर आस-पड़ोस का कीमती सामान लेकर रातों-रात फरार हो जाते हैं।

    कई बार चोरी, लूट या अन्य आपराधिक घटनाओं में भी ऐसे लोग शामिल पाए जाते हैं। हालांकि हर मामले में बाहरी लोगों का हाथ नहीं होता, परंतु जब ऐसी कोई घटना होती है तो जहां पीड़ित परिवार परेशानी झेलता है, वहीं पुलिस को भी मामले को सुलझाने में काफी दिक्कत आती है।

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    इसका बड़ा कारण यह है कि अधिकतर लोग अपने घरों, दुकानों व होटलों में काम करने या रहने के लिए आए प्रवासियों की न तो पुलिस वेरिफिकेशन करवाते हैं और न ही उनकी पहचान संबंधी दस्तावेज अपने पास रखते हैं। ऐसे में घटना के बाद पछताना पड़ता है।

    जिले की सुरक्षा को देखते हुए डिप्टी कमिश्नर की ओर से समय-समय पर आदेश जारी किए जाते हैं कि यदि कोई व्यक्ति बाहरी राज्यों से आए लोगों को किराएदार रखता है या दुकान पर काम पर रखता है, तो इसकी सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन में जरूर दें और उनका आधार कार्ड या अन्य दस्तावेज अपने पास रखें।

    लेकिन यह देखने में आता है कि अधिकतर लोग बिना किसी पहचान प्रमाण के किराए पर कमरा या दुकान दे देते हैं, जिससे घटना के समय जांच मुश्किल हो जाती है।

    कपूरथला जिले में पिछले कुछ वर्षों में बाहरी राज्यों से आने वालों की संख्या काफी बढ़ी है। कई लोग दुकानों पर काम कर रहे हैं या घरों की ऊपरी मंजिल पर बने कमरों में किराए पर रह रहे हैं।

    लेकिन इनकी सही जानकारी न तो मकान मालिकों के पास होती है और न ही पुलिस के पास। कई लोग केवल किराया मिलने के लालच में उनके बारे में कोई गारंटी तक नहीं लेते।

    भले ही अधिकतर लोग रोजगार और रोटी की तलाश में आते हैं, लेकिन कुछ आपराधिक मानसिकता वाले लोग भी उनमें शामिल होते हैं, जो अपराध कर रफूचक्कर हो जाते हैं। इसलिए सतर्कता बेहद जरूरी है।

    किराएदार रखने से पहले क्या करें?

    नजदीकी पुलिस स्टेशन में किराएदार की वेरिफिकेशन कराएं

    परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड व मोबाइल नंबर रिकॉर्ड में रखें

    अपने वार्ड पार्षद या सरपंच को भी सूचना दें

    ताकि घटना के समय तुरंत कार्रवाई हो सके।

    इस संबंध में डीएसपी सब-डिवीजन कपूरथला डॉ. शीतल सिंह ने बताया कि “पुलिस द्वारा बार-बार लोगों को जागरूक किया जाता है कि किराएदार या बाहरी कर्मचारियों की पूरी जानकारी पुलिस को दें, परंतु बहुत से लोग ऐसा नहीं करते। इससे घटना के बाद केस सुलझाने में काफी मुश्किल आती है। सभी नागरिकों से अपील है कि सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस को पूरा सहयोग दें।”

    जिले में चोरी, लूट, चेन स्नैचिंग की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है और इसके बाद लोग पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हैं। जबकि कहीं न कहीं जानकारी न देने के कारण नागरिक भी जिम्मेदार बन जाते हैं।

    अधिकतर मामलों में न तो वार्ड काउंसलर और न ही सरपंच को यह पता होता है कि बाहरी राज्य का कोई व्यक्ति उनके इलाके में रह रहा है, वह कौन है, कहां से आया है और उसका बैकग्राउंड क्या है। ऐसे में संदेहास्पद व्यक्तियों की पहचान तक मुश्किल हो जाती है।