Punjab Flood: नहीं थम रहा ब्यास नदी का कहर, आंखों के सामने उजड़े लोगों के आशियाने
सुल्तानपुर लोधी के मंड बाऊपुर में बाढ़ का 29वां दिन है। ब्यास नदी का पानी घटने के बावजूद कहर जारी है। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा बनाया गया बेड़ा पीड़ितों के लिए उम्मीद की किरण बना हुआ है। लगभग 25 टन सामान ढोने की क्षमता वाले इस बेड़े से घरों का सामान सुरक्षित पहुंचाया जा रहा है।

संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर लोधी (कपूरथला)। मंड बाऊपुर में बाढ़ आए आज 29वां दिन है। पानी भी घट रहा है, इसके बावजूद दरिया ब्यास का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। जब दरिया ब्यास में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी तेज़ रफ़्तार से बह रहा था तब नुकसान कम हुआ, लेकिन अब दरिया ब्यास का बदला हुआ रुख़ ज़्यादा मार करने लगा है।
राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल की ओर से बनाया गया बेड़ा ही पीड़ित लोगों की उम्मीद पूरी कर रहा है। इस बेड़े में सामान रखने की क्षमता लगभग 25 टन है, जिससे घरों का सामान आसानी से बड़े पैमाने पर लादा जा रहा है।
पीड़ित लोगों का साथ देने के लिए आसपास के गांवों के लोग डटकर खड़े हैं। नज़दीकी गांव आहली खुर्द के गुरसेवक सिंह ने बताया कि आहलीं से आठ-दस लोग थे, जिन्होंने पीड़ित परिवारों का सामान बेड़े में लादने और उतारने में अहम भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि पानी का बहाव तेज़ होने के कारण कई बार बेड़ा डोलने लगता है। इस समस्या के हल के लिए संत सीचेवाल की मोटरबोट बड़े बेड़े को धक्का देकर पार करवाती हैं और उसे डोलने से बचाने में बहुत मददगार साबित हो रही हैं। इस बेड़े को बनाने वाले मुख्य मिस्त्री वरिंदर सिंह खडूर ने बताया कि जब बेड़ा अपने मकसद को पूरा करता है तो उसके मन को बहुत तसल्ली मिलती है।
उन्होंने यह भी कहा कि वर्कशॉप में तो वह पिछले एक दशक से काम कर रहे हैं, लेकिन कभी बेड़ा नहीं बनाया था। बाढ़ के दौरान बेड़ों की आ रही कमी और ख़ासकर बड़े बेड़े की ज़रूरत को पूरा करने के लिए यह बेड़ा विकसित किया गया है। इस बेड़े की चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब हो रही है और ख़ासकर एक्स पर इस बेड़े की हो रही प्रशंसा ने भी हमारे हौसले बुलंद किए हैं।
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