ब्यास नदी का जलस्तर कम होने से मंड में राहत, बांध की दरारों और कटाव से फसल-मकानों पर मंडरा रहा खतरा
ब्यास नदी में जलस्तर कम होने से मंड क्षेत्र में राहत है लेकिन तेज बहाव से खतरा अभी भी बरकरार है। गुरु अमरदास बांध में दरारें आने से हजारों एकड़ फसल खतरे में है। ग्रामीण कटाव रोकने के लिए मिट्टी के बोरे डाल रहे हैं। फायर बोट राहत कार्य में मददगार साबित हो रही हैं। रामपुर गोरे में कई मकान ढह गए हैं जिससे लोगों में डर का माहौल है।

अरविंद पाठक, सुल्तानपुर लोधी। दरिया ब्यास में जलस्तर कम होने से मंड क्षेत्र और कई अन्य गांवों के लोगों ने राहत महसूस की है लेकिन अब पानी का बहाव पहले से तेज है। इससे बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है। जलस्तर कम होने के कारण कई और मकान गिर गए हैं और बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है।
जलस्तर कम होने के कारण गुरु अमरदास एडवांस बांध जो गोइंदवाल पुल से शुरू होकर खिजरपुर, मंगूपुर गांवों से होते हुए भारत माला राष्ट्रीय एक्सप्रेस हाईवे को जोड़ता है अब तेज बहाव का सामना कर रहा है। उसमें बड़ी दरार पड़ रही है।
जिससे पांच हजार एकड़ फसल का नुकसान होने का अंदेशा है। तटबंध को और कटाव से बचाने के लिए गांववासी और कार सेवा संप्रदाय सरहाली साहिब के प्रमुख संत बाबा सुखा सिंह जी की अगुवाई में संगत लगातार मिट्टी की बोरियां और क्रेट डालकर मजबूत कर रहे हैं।
गांव मंगूपुर के सरपंच रेशम सिंह, हुकम सिंह नूरोवाल ने बताया कि यह अग्रिम तटबंध आठ किलोमीटर लंबा है और इससे करीब पांच हजार एकड़ फसल को नुकसान होने से बचाया हुआ है। पानी का बहाव तेज होने से तटबंध में भारी कटाव हो गया है जिससे अब पकी हुई धान की फसल को खतरा पैदा हो गया है।
उन्होंने बताया कि तटबंध का निर्माण संगत की ओर से स्वयं पहल करके किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें मिट्टी की जरूरत है। अगर और संगत आएं तो बांध को नुकसान से बचाया जा सकता है।
उन सभी समाज सेवी संगठनों ने गांवों के लोगों से अपील की कि आइए हम सब इस मुश्किल घड़ी में एकता का परिचय दें और किसानों की बची हुई फसलों को नुकसान से बचाएं। उन्होंने बताया कि नदी जो 200 मीटर दूर थी, लेकिन बहते पानी में वह 10 फीट की दूरी से घुस आई है। जिस कारण अब उसने खतरनाक रूप ले लिया है।
दरिया ब्यास के तेज बहाव ने अब मकानों के लिए बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। सरपंच गुरमीत सिंह बाऊपुर ने बताया कि ब्यास नदी में पानी का स्तर कम हुआ है लेकिन तेज बहाव के कारण पहले गांव रामपुर गोरे में तीन गरीब परिवारों के मकान गिर गए थे और अब तीन और मकान राजविंदर सिंह, मेजर सिंह, बलदेव सिंह के मकान भी गिरने लगे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे मंड क्षेत्र में खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है, क्योंकि पौंग बांध से और पानी छोड़े जाने की बात चल रही है।
संप्रदाय कार सेवा सरहाली साहिब वाले महान संत संत बाबा सुखा सिंह, पर्यावरणविद् व राज्यसभा सदस्य संत बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल और विधायक राणा इंदर प्रताप सिंह की ओर से बाढ़ पीड़ितों को बचाने और राहत सामग्री वितरित करने के लिए दान की गई फायर बोट और बड़ी नावें बाढ़ पीड़ितों को बचाने और गांवों में फंसे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए वरदान साबित हो रही हैं।
नावों में जगह की कमी के कारण किसान नेता सरपंच गुरमीत सिंह बाऊपुर, कार सेवा सरहाली के बाबा बाबर सिंह और स्वयं संत बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल लगातार फायरबोट के जरिये सेवा में जुटे हुए हैं। इन नावों के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को राहत सामग्री के साथ भेजा जा सकता है। लोगों के अलावा पशुओं और उनके सामान को भी बड़ी नावों के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
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