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    ननकाना साहिब जाने की थी अर्जी, महिला ने पाकिस्तान जाकर किया निकाह; SGPC बोली- 'अपराधी चेक करना हमारा काम नहीं'

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 03:56 PM (IST)

    सरबजीत कौर के पाकिस्तान में निकाह मामले में एसजीपीसी सदस्य गुरप्रीत कौर रूही ने सफाई दी है। उन्होंने बताया कि सरबजीत कौर ने ननकाना साहिब जाने के लिए दस्तावेज जमा करवाए थे। रूही ने कहा कि एसजीपीसी का काम केवल यात्री की सिख धर्म के प्रति समर्पण और निवास की पुष्टि करना है, आपराधिक रिकॉर्ड की जांच सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने सरकार से यात्रियों के रिकॉर्ड की जांच सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

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    सरबजीत कौर के मामले में एसजीपीसी सदस्य आई सामने, दी सफाई (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, सुल्तानपुर लोधी\कपूरथला।जिले के गांव अमानीपुर की सरबजीत कौर के पाकिस्तान जाकर निकाह करने मामले में एसजीपीसी सदस्य गुरप्रीत कौर रूही सामने आई हैं।

    गुरप्रीत कौर रूही ने बताया कि सरबजीत कौर ने ननकाना साहिब जाने के लिए गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज जमा करवाए थे। वहीं, अन्य श्रद्धालुओं से भी दस्तावेज मांगे गए थे।

    इसी क्रम में सरबजीत कौर ने अपना पासपोर्ट जमा करवाया। उन्होंने गांव के नंबरदार से संपर्क कर सरबजीत कौर की पहचान और गांव में रहने की पुष्टि की। इसके बाद फाइल एसजीपीसी को भेजी गई।

    उन्होंने स्पष्ट किया कि सरबजीत कौर की फाइल कभी वापस नहीं आई और न ही इसमें किसी तरह की कोई गलती थी। उन्होंने यह भी बताया कि सरबजीत कौर के करतारपुर कॉरिडोर जाने का कोई आवेदन उनके पास कभी नहीं आया था।

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    सरबजीत कौर के पाकिस्तान से न लौटने पर बीबी गुरप्रीत ने नंबरदार और गुरुद्वारा के रिकॉर्ड कीपर के साथ उनके घर जाकर जांच की। उनके बेटों ने बताया कि उनका अपनी मां सरबजीत कौर से कोई संबंध नहीं है और वह पाकिस्तान से वापस नहीं लौटी हैं।

    एसजीपीसी सदस्य बीबी गुरप्रीत कौर रूही ने कहा कि उनका काम केवल यह देखना है कि यात्री सिख धर्म के प्रति समर्पित है या नहीं और गांव का स्थायी निवासी है या नहीं। आपराधिक रिकॉर्ड या अन्य पृष्ठभूमि की जांच करना पंजाब और भारत सरकार की जिम्मेदारी है।

    उन्होंने बताया कि एसजीपीसी वर्तमान में यात्रियों की पृष्ठभूमि की जांच नहीं करता है। उन्होंने बताया कि उनके पास अभी तक अकेली महिला, तलाकशुदा या विधवा के संबंध में यात्रा पर रोक लगाने को लेकर कोई निर्देश नहीं है।

    एसजीपीसी रोक लगाने का फैसला लेती है तो उसे माना जाएगा। उन्होंने सरकारों से आग्रह किया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए यात्रियों के रिकॉर्ड की जांच सुनिश्चित की जाए।