लुधियाना में दीपावली के दिन 46 जगहों पर लगी आग, 3 बच्चों समेत 37 झुलसे; दो पीजीआई रेफर
दीवाली की रात लुधियाना में आग लगने की 46 घटनाओं में 37 लोग झुलस गए जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। दो बच्चों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें पीजीआई रेफर किया गया है। पिछले साल की तुलना में इस साल आगजनी की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। वहीं दीवाली के दिन इसी तरह से मारपीट का आकड़ा 93 पहुंचा है।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। दीपावली की रात गुरुवार को लुधियाना शहर में 46 जगह आग लगी, जिसमें तीन बच्चों समेत 37 लोग झुलसे हैं। इनमें से दो बच्चों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें पीजीआई रेफर किया गया है।
पिछले साल आगजनी की हुई थीं 29 घटनाएं
जबकि पिछले साल 2023 में आगजनी की 29 घटनाएं हुई थीं और 16 लोग झुलसे थे। इसी तरह से मारपीट का आकड़ा 93 पहुंचा था, जिन लोगों ने सिविल अस्पताल में अपना मेडिकल करवाया था।
फायर ब्रिगेड के पास 31 मामले बड़े रिकॉर्ड हुए हैं, जिसमें फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। इसके अलावा पटाखों से जलने वाले लोगों को अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचाया गया।
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महादेव नगर इलाके में सिलेंडर ब्लास्ट होने से 6 झुलसे
सीएमसी अस्पताल रजत (22), आयुष (12), निखिल (25), चंदन (36), मनप्रीत (25) और कल्पना (30) पहुंचे।रजत और आयुष दोनों भाई हैं, जो दीपावली की रात गुरुवार को महादेव नगर इलाके में पटाखे चला रहे थे, जोकि गैस के सिलेंडर तक पहुंच गई और सिलेंडर ब्लास्ट हो गया। दोनों बुरी तरह से झुलस गए। इसी तरह से पटाखों की वजह से डीएमसी अस्पताल में 16 झुलसे हुए लोग पहुंचे, इनमें से 11 ओपीडी में इलाज करवाकर गए और 5 को एडमिट करना पड़ा।
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इनमें से 13 पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं। इसी तरह सिविल अस्पताल में पांच लोग पहुंचे, जिसमें रजित (8), आशु (11), असलम (18), रिंकी (19) और पवनदीप कौर (31) शामिल हैं। इनमें से रिंकी और पवनदीप को पीजीआई रेफर कर दिया गया। इसी तरह से अन्य अस्पतालों में मामूली झुलसे लोग भी पहुंचे
सिविल अस्पताल में मारपीट के हुए 87 मेडिकल
झुलसे हुए लोगों के अलावा मारपीट के मामलों में लोग सिविल अस्पताल पहुंचे। यहां 24 घंटे के दौरान सिविल अस्पताल में 87 लोगों ने अपना मेडिकल करवाया। जिनमें से 90 फीसदी पटाखे चलाने को लेकर मारपीट हुई और बाकी शराब पीकर झगड़ पड़े।
हर साल दीपावली पर सिविल अस्पताल में विवाद होता रहा है, इसलिए पुलिस द्वारा पहले से ही सिविल में 40 से ज्यादा मुलाजिमों को तैनात किया गया था, ताकि कोई विवाद न हो।
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